5 सितंबर को हरियाणा में होने वाली रैली में नीतीश को दावत

क्या नीतीश कुमार गैर-भाजपाई गठजोड़ का हिस्सा बनेंगे?

पटना : भाजपा को सत्ता से दुर करने की कवायद शुरु हो चुकी है। सभी
विपक्षी दल एक मंच पर आने लगे हैं। पिछले दिनों बिहार के पूर्व
मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने दिल्ली में समाजवादी विचारधारा के कई
नेताओं से मुलाकात की है। उधर जेल से छुटने के बाद हरियाणा के पूर्व
मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने 25 सितंबर को देवी लाल के जन्मदिन
पर हरियाणा के जींद में एक रैली का आयोजन किया है। इस रैली में
शामिल होने के लिए समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव,
जनता दल सेक्युलर नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा,  बिहार के
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी,  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ​जैसे
दिग्गजों को निमंत्रण भेजा गया है। राजनीतिक गलियारों से खबर आ रही
है कि नीतीश कुमार ने इस निमंत्रण को स्वीकार भी कर लिया है।
नीतीश कुमार के एनडीए में रहने या नहीं रहने को लेकर सियासी
गलियारों में चर्चाएं भी तेज हो गई हैं।

जदयू ने नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताकर दिये कई संकेत

बिहार के विपक्षी पार्टियों का कहना है कि जब नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा हैं तो ऐसी रैली में भाजपा के विरोधियों के साथ मंच कैसे साझा कर सकते हैं? 2024 से पहले ही नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ बनने वाले धड़े में शामिल होकर भाजपा को झटका देने की तैयारी में हैं। जदयू ने पिछले दिनों नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताकर इसके संकेत भी दे दिए थे।
इधर जदयू के नेता कह रहे हैं कि चौधरी देवीलाल से लेकर ओमप्रकाश चौटाला तक से नीतीश कुमार के बेहद मधुर संबंध रहे हैं। लेकिन कोरोना की तीसरी लहर, बाढ और वाईरस से बच्चों की हो रही मौत को लेकर वे नहीं जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में पार्टी नेता के सी त्यागी जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे।

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