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संपादकीय

यूसीसी बनेगा ध्रुवीकरण का औजार!

उत्तराखंड में यूसीसी को पारित करने के बाद ये कहना कि पूरे राज्य में सब लोगों पर विवाह, तलाक और उत्तराधिकार संबंधी एक समान कानून लागू होगा, बेमानी लगता है। ये नियम राज्य के चार फीसदी आदिवासी जनजाति के लोगों पर लागू नहीं होगा। गौरतलब बात ये है कि इन जनजातियों में बहु विवाह प्रथा भी मौजूद है..…
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चुनाव के बीच चारधाम की चुनौती

रणविजय सिंह मई से चारधाम यात्रा का विधिवत आगाज हो जाएगा पर यात्रा की तैयारियों को लेकर संबंधित विभाग द्वारा अब तक कोई कसरत नहीं दिखाई पड़ना, बेहद दुर्भाग्य पूर्ण है। सभी का ध्यान लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर है। हालांकि चुनाव के लिए निर्वाचन विभाग है, पर यात्रा से जुड़े विभागों में किसी भी तरह की…
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उम्मीदों की नयी कोंपलें

धर्मपाल धनखड़  चुनावों में मोदी की गारंटी खूब चली और वे एक बार फिर सबसे बड़े परफोर्मर साबित हुए। इसके साथ ही अयोध्या में राम मंदिर काशी-विश्वनाथ, बद्रीनाथ और महाकाल जैसे धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण से हिंदुत्व के मुद्दे को नयी धार मिली है। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने से प्रधानमंत्री मोदी के…
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नया साल और नए संकल्प

रणविजय सिंह वर्ष 2023 खट्टी-मीठी यादों के साल के रूप में भविष्य में जाना जाएगा। देश से लेकर विदेश तक उथल-पुथल रहा। बावजूद अपने देश की अर्थ व्यवस्था कमोबेश ठीक ठाक ही रही। हां, उतार-चढ़ाव जरूर रहे लेकिन विश्व की घटनाओं का ज्यादा असर भारत में नहीं दिखा है। कुछ ऐसी भी घटनाएं रहीं जिसने मनुष्यता को…
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अब जमीनी कसरत जरूरी

उत्तराखंड काफी छोटा प्रदेश है लेकिन इस प्रदेश ने इतना बड़ा आयोजन करके यह साबित कर दिया है कि इच्छाशक्ति बड़ी चीज है और इंसान ठान ले तो सब कुछ संभव है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की यह एक शानदार पहल है। पक्ष- विपक्ष सभी को इस इन्वेस्टर्स समिट की प्रशंसा करनी चाहिए... रणविजय सिंह उत्तराखंड ग्लोबल…
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चुनावी गारंटियों पर लगे रोक!

धर्मपाल धनखड़ मुफ्त की रेवड़ियां चुनावी सफलता की गारंटी बन गई हैं। पिछले दिनों संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में ज्यादातर राजनीतिक पार्टियों ( Political parties) ने जनता को लुभाने के लिए एक से बढ़कर एक फ्री के वादे किये। चुनाव की घोषणा से पूर्व इन राज्यों में सत्तारूढ़ पार्टियों ने समाज…
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सिल्क्यारा से सबक

हादसे के लिए प्रथम दृष्टया निर्माण कंपनी जिम्मेदार है। अब तक की जांच में सामने आया है कि सुरंग निर्माण में सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी की गयी है। सुरंग निर्माण में सबसे बड़ी खामी एस्केप रूट नहीं बनाया जाना थी। नियमानुसार तीन किलोमीटर से ज्यादा लंबी सुरंग के निर्माण के लिए समानांतर एस्केप रूट बनाया…
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बाघों का कम होना वाकई चिंताजनक

वन विभाग के आंकड़ों पर ध्यान दिया तो इस साल कुल 19 बाघ मरे हैं जिनमें 8 मौतें तो कार्बेट में हुई हैं। वन विभाग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो सर्वाधिक मौतें अर्थात 15 कुमाऊं में हुई हैं जबकि 4 मौतें गढ़वाल मंडल में हुई हैं। इसका मतलब यह है कि कुमाऊं मंडल बाघों के लिए काफी संवेदनशील रहा है। ऐसे में…
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विकास की अंधी सुरंग

विभिन्न अध्ययनों और रिपोर्ट्स में बार बार चेतावनी दी गयी है और हिमालयी राज्य में निर्माण के लिए कड़े मानक लागू करने तथा प्रकृति के अनुरूप विकास परियोजनाएं बनाने की जरूरत बतायी जाती रही है। लेकिन विकास की अंधी दौड़ में शामिल राज्य और केंद्र सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही हैं। आज जरूरी है कि केंद्र…
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