पटना : बिहार में अब स्वाइन फ्लू की बीमारी फैल रही है। इस मौसम में अब चमकी दिमागी बुखार, डेंगू, वायरल फीवर के बाद लोग स्वाइन फ्लू के वायरस से संक्रमित हो रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग भी मान रहा है कि कोरोना के बाद पूरा बिहार वायरल फीवर के चपेट में है। इन सब बीमारियों के बीच प्रदेश में अब स्वाइन फ्लू ने भी दस्तक दे दी है। जिससे स्वास्थ्य जगत में हड़कंप मच गया है।
वायरल फीवर समेत कई बीमारियों को लेकर लोगों के भी मन में भय बना है। इन सब बीमारियों के लक्षण भी कुछ मिलते जुलते हैं। जैसे कि बुखार रहना, गले में खराश आना और नाक से सुरसुराहट रहना। चिकित्सकों के मुताबिक अधिकांश मामले फ्लू के हैं, इसके अलावा प्रदेश में डेंगू, टाइफाइड का भी प्रकोप बढ़ा है।
फ्लू का बुखार अगर ब्रेन पर चढ़ जाता है तो चमकी का अटैक
चिकित्सकों का कहना है कि फ्लू का बुखार अगर ब्रेन पर चढ़ जाता है तो चमकी का अटैक कर देता है। कोरोना की तरह फीवर के साथ-साथ सांस लेने में तकलीफ, चेस्ट में एक प्रकार का तनाव महसूस होता है। इसमें सांस लेने की शिकायत तेजी से बढ़ती है। तीसरी जो बुखार सबसे अधिक तेज फैल रहा है। टाइफाइड में बुखार तेजी से चढ़ता है और बहुत धीरे-धीरे नीचे आता है. इसमें पेट के लक्षण ज्यादा नजर आते हैं।
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि स्वाइन फ्लू के लक्षण सामान्य फ्लू के जैसे ही होते हैं। स्वाइन फ्लू और सामान्य फ्लू दोनों एक ही ग्रुप के एक ही परिवार के वायरस हैं। लोगों को पहले कोरोना जांच करानी चाहिए। कोरोना जांच के साथ-साथ एंटीबॉडी टेस्ट भी कराएं ताकि यह पता चले कि कहीं यह पोस्ट कोविड-19 इफेक्ट तो नहीं क्योंकि मल्टी सिस्टमैटिक इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम की भी कुछ मामले सामने आए हैं। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था का आलम यह है कि करीब एक दर्जन जिलों में वायरल फीवर का प्रकोप है और इन्हीं स्थानों से स्वाइन फ्लू के मरीजों के मिलने की खबर भी आ रही है।