चंडीगढ़: मौजूदा बीजेपी जेजेपी गठबंधन सरकार में लगातार उजागर हुए भ्रष्टाचार के मामलों और किसानों के आंदोलन के बीच होने जा रहा बरोदा विधानसभा उपचुनाव गठबंधन के लिए कहीं ना कहीं से सिरदर्द बना हुआ है। इनेलो और कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले इस विधानसभा क्षेत्र पर कब्जा जमाने का प्रयास भाजपा द्वारा मोदी लहर 2014 में किया गया लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई। यहां तक कि अपनी साख को बचाने के लिए 2019 विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने खेल जगत के माध्यम से जनता का विश्वास प्राप्त करने की कोशिश की। अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त को चुनाव में उतारकर वोटरों का ध्रुवीकरण अपने पक्ष में करने का प्रयास किया गया लेकिन उस बार भी कोई अस्त्र काम नहीं किया और दोनों ही बार कांग्रेस की विजय हुई। प्रदेश के जागरुक नागरिकों और राजनीतिज्ञों के बीच चर्चा की जा रही है कि भाजपा ने अपनी साख को बचाने और इनेलो व कांग्रेस के गढ़ पर कब्जा करने के लिए खेल जगत की गरिमा और अस्मिता को बंधक बनाया है। पिछली बार अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त की हार होने के बावजूद खेल जगत और खिलाड़ियों के अस्तित्व को दांव पर लगाना बीजेपी जेजेपी गठबंधन की स्वार्थ भरी राजनीति का परिचायक है।