15 साल से कागजों में फंसी MP-1 रोड परियोजना, फीस विवाद ने फिर रोका काम

नोएडा में जाम की समस्या को कम करने के लिए प्रस्तावित  एमपी-1 मास्टर प्लान रोड पर एलिवेटेड रोड परियोजना एक बार फिर अटक गई है। कारण यह है कि नोएडा विकास प्राधिकरण ने अब तक आईआईटी रुड़की को उसकी कंसल्टेंसी फीस का भुगतान नहीं किया है, जिसके चलते परियोजना की आगे की प्रक्रिया ठप पड़ी है।

एमपी-1 मार्ग, डीएनडी फ्लाईवे से जुड़ा हुआ है, जहां सुबह और शाम के समय भीषण जाम की समस्या रहती है। ट्रैफिक दबाव को देखते हुए यहां एलिवेटेड रोड बनाने की योजना तैयार की गई थी। इसके लिए एक निजी एजेंसी से सर्वे और फिजिबिलिटी रिपोर्ट** कराई गई थी, जिसमें इस परियोजना को व्यवहारिक और संभव बताया गया था।

यह एलिवेटेड रोड सेक्टर-19 रजनीगंधा अंडरपास से शुरू होकर सेक्टर-57 चौराहा पार करते हुए **सेक्टर-61** की दिशा में प्रस्तावित है। इसमें प्रमुख जंक्शनों पर **सेक्टर-11 झुंडपुरा** और **सेक्टर-49 चौड़ा मोड़** की ओर जाने के लिए दो लूप कनेक्शन भी शामिल किए गए हैं।

नोएडा प्राधिकरण ने आईआईटी रुड़की को परियोजना का सलाहकार (कंसल्टेंट) नियुक्त किया था। संस्थान को न केवल तकनीकी सलाह देनी थी, बल्कि **डिज़ाइन और टेंडर दस्तावेज़ों की जांच की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। छह महीने पहले आईआईटी ने अपनी कुल फीस ₹2.90 करोड़ बताई थी, जिसमें से ₹1.50 करोड़ अग्रिम** मांगा गया था।

हालांकि, नोएडा प्राधिकरण ने अब तक यह भुगतान नहीं किया, जिसके चलते आईआईटी ने आगे का काम रोक दिया है। परियोजना को लेकर **पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव** ने शिलान्यास किया था, और इसका बोर्ड आज भी **सेक्टर-12 चौड़ा मोड़** पर लगा है। मगर **सरकार बदलने के बाद से यह योजना बार-बार ठंडी पड़ती रही है।**

प्राधिकरण के **ओएसडी महेंद्र प्रसाद** ने बताया कि “आईआईटी रुड़की को फीस भुगतान से संबंधित फाइल प्रक्रिया में है, और इसे जल्द ही मंजूरी दी जाएगी।”

**करीब 15 साल पुरानी यह एलिवेटेड रोड परियोजना** अब भी केवल कागज़ों में सिमटी हुई है, जबकि नोएडा के लाखों वाहनचालक अब भी रोज़ाना जाम से जूझ रहे हैं।

 

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