नई दिल्ली। मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश से संबंधित राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) को लेकर जारी विवाद के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि सरकार परीक्षा के संचालन में किसी भी तरह की गड़बड़ी या अनियमितता बर्दाश्त नहीं करेगी और यदि कोई गड़बड़ी पाई गई तो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की जवाबदेही तय की जाएगी।
जिन छह केंद्रों पर परीक्षा के प्रश्नपत्र गलत तरीके से वितरित किए गए थे और उम्मीदवारों को समय की बर्बादी के लिए कृपांक दिया गया था, उनके खिलाफ कार्रवाई के बारे में प्रधान ने कहा, ‘‘हर पहलू पर गौर किया जा रहा है। जवाबदेही तय की जाएगी और चूक की प्रकृति के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।’’
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘किसी भी परीक्षा के संचालन में किसी भी तरह की गड़बड़ी या अनियमितता की कोई गुंजाइश नहीं है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर कोई गड़बड़ी पाई गई तो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की जवाबदेही भी तय की जाएगी।’’ मंत्री की यह टिप्पणी तब आई है जब कांग्रेस ने नीट-यूजी परीक्षा के मुद्दे पर सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया है और इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की “चुप्पी” पर सवाल उठाए हैं।
विपक्षी दल ने जोर देकर कहा कि केवल उच्चतम न्यायालय की निगरानी वाली फॉरेंसिक जांच ही लाखों छात्रों के भविष्य की रक्षा कर सकती है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि मोदी सरकार ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री और एनटीए के माध्यम से “नीट घोटाले को ढंकना” शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, “वे अभी-अभी चुनाव हारे हैं और अब एक नया मुद्दा तलाश रहे हैं।
हमारे पास तथ्य हैं और झूठ के आधार पर छात्रों और जनता को गुमराह करना सही नहीं है।” केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले वर्षों में नीट के पाठ्यक्रम में कटौती नहीं की गई थी। इस साल हमने प्रश्नों को राज्य बोर्ड के पाठ्यक्रम के साथ भी जोड़ा है। कम पाठ्यक्रम और उम्मीदवारों की अधिक संख्या ने भी प्रतिस्पर्धा को बढ़ाया और अंततः सर्वाधिक पर्सेंटाइल पाने वालों की संख्या में वृद्धि हुई।’’