आइजोल। मिजोरम (Mizoram) में मंगलवार को विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के लिए हुआ मतदान शांतिपूर्ण रहा और कुल 8.57 लाख मतदाताओं ( Voters) में से 77 प्रतिशत से अधिक ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
निर्वाचन अधिकारी एच. लियानजेला ने कहा कि मतदान 80 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है, क्योंकि दूर-दराज के जिलों से अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी है।
निर्वाचन आयोग के शाम छह बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक 77.39 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। राज्य में 2018 में हुए चुनाव में कुल मतदान 81.61 प्रतिशत हुआ था। लियानजेला ने कहा कि कुछ मतदान केंद्रों पर शाम चार बजे की समय सीमा के एक घंटे बाद शाम पांच बजे तक भी मतदान जारी था, क्योंकि लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए कतार में लगकर इंतजार कर रहे थे।
अधिकारी ने बताया कि सभी 1,276 केंद्रों पर मतदान शांतिपूर्ण रहा। इस चुनाव में 18 महिलाओं समेत 174 उम्मीदवार मैदान में हैं। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, मिजोरम के 11 जिलों में सेरछिप में सबसे ज्यादा 84.49 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
आंकड़ों के अनुसार आइजोल जिले में सबसे कम 73.09 प्रतिशत मतदान हुआ। दक्षिण मिजोरम के सियाहा (76.41 प्रतिशत) और सैतुल (75.12 प्रतिशत) में भी अन्यों की तुलना में कम मतदान हुआ। सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), मुख्य विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और कांग्रेस ने सभी 40 सीट पर उम्मीदवार उतारे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 23 सीट पर चुनाव लड़ रही है जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने चार विधानसभा सीट पर प्रत्याशी खड़े किए। इसके अलावा 27 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं। मतगणना तीन दिसंबर को होगी।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आइजोल में एक मतदान केंद्र में ईवीएम में तकनीकी खामी की खबर आयी, जहां मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने वोट डाला है। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री सुबह रामलुन वेंगलई प्राइमरी स्कूल में बने मतदान केंद्र में गए लेकिन उस समय ईवीएम काम नहीं कर रही थी।
इसलिए वह घर लौट गए और वोट डालने सुबह नौ बजकर 40 मिनट पर फिर आए।’’ कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष लालसावता ने सुबह सात बजकर 40 मिनट पर अपने आइजोल पश्चिम-तृतीय निर्वाचन क्षेत्र में बने एक मतदान केंद्र पर वोट डाला।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए और स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर में 7,200 कर्मियों को तैनात किया गया। उन्होंने बताया कि मिजोरम विधानसभा के लिए मतदान से पहले म्यांमा से लगी 510 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा और बांग्लादेश से लगी 318 किलोमीटर लंबी सीमा को सील कर दिया गया।