सूबे की सियासी पिच पर भाजपा का स्ट्राइक रेट 67 फीसद
27 फीसद स्ट्राइक रेट के साथ कांग्रेस के खाते में आई सिर्फ 19 सीटें
देहरादून । विधानसभा चुनाव से पहले 60 पार का नारा देने वाली भाजपा भले ही इस आंकड़े तक नहीं पहुंच सकी, पर साठ से अधिक के स्ट्राइक रेट से सियासी पिच पर बल्लेबाजी जरूर की है। प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों के चुनाव परिणाम बताते हैं कि इस बार के चुनाव में भाजपा का स्ट्राइक रेट 67 फीसद रहा है।
47 सीट के साथ भाजपा को भारी बहुमत मिला। यह बात अलग है कि भाजपा का धाकड़ बल्लेबाज (सीएम पुष्कर सिंह धामी) अपनी सीट नहीं बचा सके। वहीं कांग्रेस के खाते में न सिर्फ कम सीटें आई बल्कि स्ट्राइक रेट भी भाजपा के मुकाबले ढ़ाई गुना कम रहा है। कांग्रेस ने 27 फीसद स्ट्राइक रेट के साथ 19 सीटों पर जीत हासिल की है।
बात अगर गढ़वाल, कुमाऊं व मैदानी क्षेत्रों में स्थित विस सीटवार की जाए तो अधिकांश सीटों पर स्ट्राइक रेट में भाजपा बीस साबित हुई है। हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर क्षेत्र में स्थित सीटों पर भी कांग्रेस का स्ट्राइक रेट पचास फीसद के आसपास रहा। पहले बात करते हैं गढ़वाल मंडल की विस सीटों की। पर्वतीय क्षेत्र में पौड़ी जिले में छह, टिहरी में छह, उत्तरकाशी में तीन, चमोली में तीन और रुद्रप्रयाग में दो विस सीट हैं।
इन सीटों में यदि देहरादून जिले के अंतर्गत आने वाली 10 विस सीटों को भी जोड़ दिया जाए तो कुल संख्या पहुंचती है तीस। इन 30 विस सीटों का विश्लेषण बताता है कि भाजपा ने सियासी पिच पर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की है। यही वजह की 87 फीसद स्ट्राइक रेट से भाजपा यहां पर 26 सीटें जीतने में कामयाब हुई। जबकि कांग्रेस का स्ट्राइक रेट महज 1 फीसद रहा और उसके खाते में तीन सीटें ही आई हैं।
इसी तरह कुमाऊं के पर्वतीय जिलों में स्थित 20 सीटों में भी भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा। यहां पर नैनीताल जिले में छह, अल्मोड़ा में छह, पिथौरागढ़ में चार, बागेश्वर व चंपावत में दो—दो विस सीटें हैं। इनमें भाजपा ने 70 फीसद स्ट्राइक रेट से 14 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 30 फीसद रहा और उसके खाते में सिर्फ छह सीटें आई हैं।
इतना जरूर कि हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर क्षेत्र में स्थित विस सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा। हरिद्वार जिले में 11 और ऊधमसिंहनगर में नौ विस सीटें हैं। इन 20 विस सीटों पर कांग्रेस ने 50 फीसद स्ट्राइक रेट के साथ 10 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि भाजपा का स्ट्राइक रेट 35 प्रतिशत रहा और उसके खाते में यहां सात सीटें आई। कुल मिलाकर बेहतर स्ट्राइक रेट के साथ भाजपा भले ही साठ पार के आंकड़े तक नहीं पहुंच सकी, पर जनता से भारी बहुमत प्राप्त करने में सफल जरूर हुई है।
रफ्तार का सूचक है स्ट्राइक रेट
स्ट्राइक रेट शब्द का प्रयोग अक्सर क्रिकेट मैच में किया जाता है। क्रिकेट में बल्लेबाजी स्ट्राइक रेट इस बात का माप है कि बल्लेबाज कितनी जल्दी बल्लेबाजी का प्राथमिक लक्ष्य हासिल कर लेता है, यानी किस रफ्तार से रन बना रहा है। गेंदबाजी स्ट्राइक रेट इस बात का माप है कि कोई गेंदबाज कितनी जल्दी गेंदबाजी का प्राथमिक लक्ष्य हासिल कर लेता है, अर्थात कितने बल्लेबाजों को आउट कर रहा है। बात जब चुनाव की होती है तो यहां भी सियासी पिच तैयार हो जाती है।
सियासत की इस पिच पर उतरने वाले सूरमा किस रफ्तार से बल्लेबाजी करते हैं उसका स्ट्राइक रेट चुनाव परिणाम सामने आने के बाद पता चलता है। एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने चुनाव नतीजे सामने आने के बाद अलग-अलग विस सीटों पर भाजपा व कांग्रेस के स्ट्राइक रेट का विश्लेषण कर रिपोर्ट जारी की है।