देहरादून। तीन काले कृषि कानूनो की वापसी को देश के किसानों की जीत बताते हुए गणेश गोदियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को देश के किसानों से माफी मांगने के साथ ही अपने पद से त्यागपत्र भी देना चाहिए।
गोदियाल ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने देश के किसान, खेत और खलिहान के खिलाफ एक घिनौना षडयंत्र रचते हुए देश की कृषि प्रधान देश होने की छबि को धूमिल करने का प्रयास किया।
पिछले दो साल से भाजपा नीत सरकार तीन काले कृषि कानूनों के माध्यम से देश की हरित क्रांति को हराने की साजिश के साथ ही देश के अन्नदाता तथा खेत मजदूर की मेहनत को चंद पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने का षडयंत्र रचती रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संसद के दोनों सदनों में संख्या बल के आधार पर संसदीय प्रणाली एवं प्रजातंत्र को धता बताते हुए किसान विरोधी तीन काले कानून पारित किए गए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल सडक से लेकर सदन तक लगातार किसानों की आवाज उठाते रहे, लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार अपने कुछ औद्योगिक घरानों के मित्रों को लाभ पहुंचाने की नीयत से किसानों के साथ-साथ विपक्ष की आवाज को दबाने का काम करते रहे।
उन्होंने कृषि काननों की वापसी को देश के अन्नदाता की जीत बताते हुए किसानों के आन्दोलन में सहयोग और समर्थन के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सानिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एवं नेतृत्व का आभार व्यक्त किया है।
प्रदेश महामंत्री संगठन एवं प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी ने कहा कि मोदी सरकार में देश का नौजवान और किसान अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर है तथा गरीब जनता भाजपा शासन में सबसे अधिक मायूस है।
किसान विरोधी तीनों काले कानूनों का विरोध कर रहे किसानों पर मोदी सरकार के केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री के पुत्र द्वारा गाडी चढ़ाकर किसानों की जघन्य हत्याकाण्ड की घटना मोदी सरकार की हिटलरशाही को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि देश में भाजपा ने किसान आन्दोलन में जिस दमनकारी नीति का परिचय देकर सत्ता के बल पर आन्दोलन को कुचलने का काम किया उसके लिए देश की जनता और अन्नदाता उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।