नयी दिल्ली। चिराग पासवान और पशुपति पारस वाले गुटों के बीच तनातनी के बाद लोक जनशक्ति पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव आयोग ने रोक लगाने का फैसला किया है।आयोग ने कहा कि, दोनों आने वाले दिनों में दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए उपलब्ध मुफ्त प्रतीकों का उपयोग कर सकते हैं।
पारस और चिराग विवाद का मामला आयोग के समक्ष
जून 2021 में पारस के पार्टी का अध्यक्ष चुने जाने के दावे और चिराग पासवान द्वारा उसका प्रतिवाद किए जाने के उत्पन्न विवाद का मामला आयोग के समक्ष है। इसी बीच बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राज्य में आगामी उप चुनावों में लोजपा के दोनों ही गुटों द्वारा पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा किए जाने की संभावना के मद्देनजर 30 सितंबर को निर्वाचन आयोग से दिशानिर्देश मांगे थे।
इस बीच चिराग पासवान ने आयोग के समक्ष 01 अक्टूबर को मौखिक रूप से अपना दावा रखा था। आयोग ने कहा कि 28 सितंबर को जिन 30 विधान सभा और तीन लोक सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप चुनाव की अधिसूचना जारी की गयी उनमें नामांकन की प्रक्रिया आठ अक्टूबर को सम्पन्न हो जाएगी।
आयोग के अनुसार उसके पास ‘इतना पर्याप्त समय नहीं है कि वह ’ लोजपा में इस विवाद में उसके एक गुट को मान्यता देने के बारे में निर्णय कर सके। इसी के मद्देनजर आयोग ने आदेश दिया है कि पारस और चिराग पासवान – दोनों में से कोई भी गुट लोक जनशिक्त पार्टी का एक जैसा नाम प्रयोग में नहीं लाएगा और न ही इस पार्टी के लिए आरक्षित बंगला चुनाव चिह्न का उपयोग करेगा। दो