केजरीवाल सरकार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने लताड़ा

  • मिली रेमडेसिविर की 52,000 शीशियाँ, बताई सिर्फ 2500

नई दिल्ली : एंटी-वायरल ड्रैग रेमडेसिविर की अनुपलब्धता को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को जमकर लताड़ लगाई है। इस ड्रग का इस्तेमाल सामान्य या गंभीर स्थिति वाले कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए किया जा रहा है। फ़िलहाल इसकी सप्लाई बहुत कम है और माँग कई गुना अधिक।

इस दौरान उच्च न्यायालय ने गलत आँकड़े पेश करने के लिए भी केजरीवाल सरकार की क्लास लगाई।दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि उसे रेमडेसिविर ड्रग की महज 2500 शीशियाँ ही दी गई थीं, जबकि असलियत में उसे 52,000 शीशियाँ दी गई थीं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने

कहा कि ऑक्सीजन सिलिंडरों और दवाओं की जमाखोरी से इन चीजों की बनावटी अनुपलब्धता का माहौल बनता है, जबकि हकीकत में ये उपलब्ध होते हैं। हाई कोर्ट ने चेताया कि लोग इस किस्म की हरकतों में न उलझें। मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से प्रदेश में हुए आरटी-पीसीआर टेस्ट्स के आँकड़े भी देने के लिए कहा था।

चूँकि दिल्ली में आरटी-पीसीआर टेस्ट्स की तादाद कम हो रही है और कई प्राइवेट लैब्स को ये टेस्ट करने से इंकार कर दिया गया है, इसलिए उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल की सरकार से इसका कारण भी पूछा है। अदालत ने दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत पर भी चर्चा की और कहा कि एक दिन भी दिल्ली में सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुँची। अदालत ने लंबी दूरी को इसका कारण बताया।

उसने केंद्र सरकार से कहा कि लॉजिस्टिक्स को लेकर आ रही परेशानियों को केंद्र सरकार को देखना चाहिए। साथ ही दिल्ली सरकार से शवों को ले जाने के लिए डीटीसी के बसों के उपयोग पर विचार करने के लिए भी कहा।

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