नयी दिल्लीः देश कोरोना वायरस महामारी से कराह रहा है। देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ देश बहुत बड़ी लड़ाई रहा है। उन्होंने कहा कि आपकी पीड़ा का मुझे अहसास है। हमें इस समस्या से पार पाना है। देश मे ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ी है, इसे पूरा करने के लिए ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाया जा रहा है। साथ ही अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, चुनौतियां बड़ी हैं, लेकिन तैयारियों और संकल्प के साथ पार पाना है।मैं सभी हेल्थ वर्कर्स और कोरोना वॉरियर्स डॉक्टरों, मेडिकल-पैरा मेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस के ड्राइवर, सुरक्षाबल, पुलिसकर्मी सभी की सराहना करूंगा। आपने कोरोना की पहली लहर में भी अपना जीवन दांव पर लगाया था।आज आप फिर इस संकट में अपने परिवार, सुख और चिंताएं छोड़कर दूसरों का जीवन बचाने में दिन-रात जुटे हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़े वैक्सीन उत्पादकों के साथ बैठक की। गौरतलब है कि सरकार 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगवाने की तैयारी में है। इसके अलावा निजी माध्यमों से भी टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाएगा। ऐसी स्थिति में सरकार को उम्मीद है कि वैक्सीन की आपूर्ति तेजी से बढ़ेगी।
भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन का प्रोडक्शन बढ़ाने का फैसला
इस मामले के बारे में आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि देशभर में बढ़ते कोरोना केस के बीच एक अच्छी खबर आई है। भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन का प्रोडक्शन बढ़ाने का फैसला किया है। कंपनी अब हर साल वैक्सीन के 70 करोड़ डोज तैयार करेगी। कंपनी ने अपने हैदराबाद और बेंगलुरु के कई प्लांट में वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ाना शुरू कर दिया है। उन्हें मैक्सिमम लिमिट तक प्रोडक्शन पहुंचाने में दो महीने का समय लगेगा।कंपनी के पास ग्लोबल कंपनियों के साइज की प्रोडक्शन कैपेसिटी है। वित्त मंत्रालय ने कोवैक्सिन का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए कंपनी को 1,567.50 करोड़ रुपए एडवांस देने का ऐलान किया है।कंपनी ने कहा कि वह जुलाई से हर महीने 5.35 करोड़ वैक्सीन तैयार करना शुरू कर देगी। कंपनी इनएक्टिवेटेड वैक्सीन बनाती है। इस तरह की वैक्सीन सुरक्षित होती है, लेकिन उसमें काफी जटिलता होती है। इसको तैयार करना भी महंगा पड़ता है। इसलिए लाइव वायरस वैक्सीन के मुकाबले उनका उत्पादन कम होता है।