अब अंधा नहीं रहा कानून ,न्याय की देवी की आंखों से हटायी गई पट्टी

नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में न्याय व्यवस्था और पारदर्शी हो रही है। प्रधान न्यायाधीश का हर कदम यह संदेश दे रहा है कि न्याय के सामने सब बराबर हैं। इसी कड़ी में अब यह बात भी सामने आ रही है कि सु्प्रीम कोर्ट में न्याय की देवी वाली प्रतिमा में बदलाव किया गया है। यह बदलाव बड़े बदलाव की तरफ इशारा कर रहा है। बताया जा रहा है कि न्याय की देवी के आंखों से पट्टी हटा दी गई है।

मिली जानकारी के मुताबिक न्याय की देवी की नई प्रतिमा साल 2023 में ही सुप्रीम कोर्ट स्थित नई जज लाइब्रेरी में स्थापित की गई थी, लेकिन इस प्रतिमा की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। नये सिरे से बनाई गई न्याय की देवी की प्रतिमा में अब आंखो से पट्टी को हटा दिया गया है। जबकि तराजू अभी भी न्याय की देवी के हाथ में मौजूद है। इसके अलावा देवी के एक हाथ में एक किताब भी है। यह किताब भारतीय संविधान को दर्शाती है। न्याय की देवी की यह प्रतिमा यह संदेश दे रही है कि कानून अंधा नहीं होता है। वह सबको एक समान रूप से देखता है।

दरअसल, न्याय की देवी की प्रतिमा में हुआ बदलाव कुछ और बदलावों को दर्शाता है जिसमें एक बदलाव यह भी है कि ब्रिटिश काल को भारत के लोगों ने पीछे छोड़ दिया है।

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