सरस्वती विद्या मंदिर रजरप्पा में गुरू पूर्णिमा के अवसर पर शिक्षकों को किया गया सम्मानित

कोयलांचल स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में शनिवार को गुरू पूर्णिमा के अवसर पर गुरूजनों के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान मुख्य रूप से उपस्थित विद्यालय प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा, प्राचार्य उमेश प्रसाद एवं सदस्य विवेक द्विवेदी द्वारा महर्षि वेदव्यास के चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। बच्चों द्वारा महर्षि वेदव्यास के जीवन वृत्त, गुरू महिमा, भजन, कविता आदि प्रस्तुत किए गए।

आचार्य वेद प्रकाश पांडेय ने महर्षि वेदव्यास के जीवन चरित पर प्रकाश डालते हुए गुरू महत्ता की चर्चा की। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों को उपहार स्वरूप अंग-वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि गुरू- शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति की अनूठी पहचान है।जबकि विद्यालय के प्राचार्य उमेश प्रसाद ने राष्ट्र निर्माण में गुरू की महत्ता एवं योगदान का उल्लेख किया और गुरू-शिष्य परंपरा में भगवान श्रीराम, गुरू वशिष्ठ एवं विश्वामित्र, श्रीकृष्ण-संदीपनी, शिवाजी-गुरू समर्थरामदास, चंद्रगुप्त-चाणक्य चंद्रगुप्त-चाणक्य का उदाहरण देते हुए उनसे आज सभी गुरूजनों, शिक्षकों एवं छात्रों को सीख लेने की सलाह दी। मंच संचालन आचार्या गायत्री पाठक के द्वारा किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के मिथिलेश कुमार खन्ना,वेद प्रकाश पाण्डेय,बचूलाल तिवारी,राकेश सहाय,अनिल कुमार,अक्षय सिंह,दिलीप सिंह,सत्येन्द्र मिश्रा,दुर्गा प्रसाद,गौतम कुमार,अमरदीप नाथ शाहदेव,शशि कान्त,इंद्रजीत सिंह,अनूप झा,शम्मी राज,भुनेश्वर पांडेय,ललिता गिरी,ज्योति राजहंस,सिम्पल,अमृता चौधरी,मालविका सहित सभी शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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