बेंगलुरु। बेंगलुरु के एक लोकप्रिय रेस्तरां में शुक्रवार को कम तीव्रता का बम विस्फोट होने से कम से कम दस लोग घायल हो गए। पुलिस ने मामले में कड़े यूएपीए प्रावधान लागू किए। पुलिस को संदेह है कि बैग के अंदर टाइमर लगे परिष्कृत विस्फोटक (आईईडी) में विस्फोट हो सकता है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की स्थानीय इकाई के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की।
बेंगलुरु पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। शहर के पुलिस आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि अपराह्न 12 बजकर 50 मिनट से एक बजे के बीच हुए विस्फोट में 10 लोग – होटल कर्मचारी और ग्राहक घायल हो गए।
घायलों का इलाज किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि व्हाइटफील्ड में लोकप्रिय रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोट की वजह और प्रकृति का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है तथा आशंका है कि ‘आईईडी’ से यह विस्फोट हुआ है। उन्होंने कहा कि इस घटना पर राजनीति नहीं होनी चाहिए तथा सभी को सहयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जो लोग इसमें शामिल होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने गृह मंत्री जी परमेश्वर के साथ शाम को विस्फोट स्थल का दौरा किया और अस्पताल में घायलों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह कम तीव्रता का विस्फोट था। शिवकुमार ने बताया, ‘‘धमाका अपराह्न करीब एक बजे हुआ। यह घटना रामेश्वरम कैफे में हुई।
28 से 30 वर्ष का एक युवक कैफे में आया और काउंटर पर रवा इडली खरीदने के बाद बैग कैफे के सामने एक पेड़ के नजदीक रखकर चला गया। बैग रखने के करीब एक घंटे के बाद धमाका हुआ।’’ उपमुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘ यह कम तीव्रता का बम धमाका था। उसने (व्यक्ति) एक घंटे के बाद धमाका होने के लिए टाइमर लगाया था।’’
उन्होंने कहा कि केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) को जांच सौंपी गई है। एफएसएल और बम निरोधक दस्ता मौके पर है। शिवकुमार ने कहा, ‘‘ सात से आठ टीम बनाई गई है और जांच की जा रही है। किसी को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। जो भी (दोषी) होगा उसका पता लगाया जाएगा…पुलिस को जांच की पूरी आजादी है। हमें भरोसा है कि कुछ घंटों में ही वे दोषी का पता लगा लेंगे।’’
उन्होंने बताया कि घटना में 10 लोग घायल हुए हैं, लेकिन किसी की भी स्थिति गंभीर नहीं है और सभी खतरे से बाहर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी कोण से जांच कर रहे हैं। हमारे पुलिस अधिकारी जो भी उचित समझें, वे सभी कोण से जांच करने के लिए स्वतंत्र हैं।’’ इस बीच, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मामले की विस्तृत जांच की मांग की।
भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा कि इस घटना में सरकार की ‘बेरुखी’ और पुलिस के खुफिया तंत्र की नाकामी स्पष्ट होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ऐसे अपराधों को तवज्जो नहीं दे रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ वह राज्य को अराजकता की ओर धकेल रही है और असामाजिक तत्वों के लिए पनाहगाह बना रही है।’’
विजयेंद्र ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में धमाके की खबर सुनकर परेशान हूं। घटना में घायल सभी लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। राज्य सरकार को विस्तृत जांच करानी चाहिए और दोषियों को पकड़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि यह घटना पुलिस के खुफिया तंत्र की विफलता का भी सबूत है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा, ‘‘ बेंगलुरु में रामेश्वरम कैफे में बम विस्फोट कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से बिगड़ती कानून व्यवस्था का एक अन्य स्पष्ट उदाहरण है। ’’ पहले संदेह प्रकट किया था कि एक सिलेंडर में विस्फोट होने के कारण विस्फोट हुआ, लेकिन अब अग्निशन विभाग ने इस आशंका को खारिज कर दिया और कहा कि वहां एक बैग मिला है।
कर्नाटक राज्य अग्निशमन एवं आपात सेवाएं विभाग के निदेशक टी एन शिवशंकर ने कहा, ‘‘दिन में एक बजकर आठ मिनट पर कैफे में एलपीजी रिसाव के बारे में अग्निशमन विभाग के पास फोन आया। जब हमारे अधिकारी मौके पर पहुंचे तब वहां आग या धुंआ नहीं था। इस रेस्तरां में एक बैग में धमाका हुआ था, यह बैग एक महिला के पीछे रखा हुआ था जो छह अन्य ग्राहकों के साथ वहां बैठी थी।
संदेह है कि बैग में रखी किसी वस्तु की वजह से यह विस्फोट हुआ।’’ गैस सिलेंडर रिसाव की आशंका से इनकार करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने अपने अधिकारियों के दल के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। लेकिन गैस सिलेंडर से रिसाव का कोई संकेत नहीं मिला। हमने जांच की। रसोई में रखे दूसरे एलपीजी गैस सिलेंडर का भी निरीक्षण किया गया और उससे भी कोई रिसाव नहीं हुआ।
दूसरा सिलेंडर चाय और कॉफी के लिए इस्तेमाल किया जाता था। हमारी प्रारंभिक जांच के मुताबिक घटनास्थल पर किसी सिलेंडर से गैस रिसाव का संकेत नजर नहीं आया।’’ यह कैफे व्हाइटफील्ड के ब्रुकफील्ड इलाके में है जो एक प्रमुख कारोबारी एवं प्रौद्योगिकी केंद्र है। आम तौर पर इस कैफे में आसपास के कार्यालयों से बड़ी संख्या में कर्मी भोजनावकाश के दौरान पहुंचते हैं।
एक चश्मदीद एडिसन ने कहा, ‘‘ मैं अपनी बारी के इंतजार में कैफे के बाहर खड़ा था तभी हमने एक तेज आवाज… सुनी। हम डर गये लेकिन हमें पता नहीं चला कि दरसअल हुआ क्या। उस समय वहां करीब 35-40 लोग थे। वे सभी बाहर भागने लगे और चारों तरफ अफरा-तफरी मच गयी। वे कहने लगे कि सिंलेंडर धमाका हुआ है। लेकिन हमें पता नहीं कि दरअसल हुआ क्या है।’’
नजदीक के एक निजी कंपनी में काम करने वाले अमृत ने कहा, ‘‘मैं ऑर्डर देने के बाद कैफे के बाहर इंतजार कर रहा था और उसी बीच धमाका हो गया… हमने देखा कि चार लोग घायल हो गये। कुछ ही देर में एंबुलेंस और दमकल गाड़ी पहुंच गयी। पुलिस के दल आ गये। वे लोगों को बचाने लगे।’’ मुख्यमंत्री ने मैसुरु में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे जो सूचना मिली है, उसके मुताबिक 12 बजे के बाद कोई व्यक्ति एक बैग रखकर चला गया। जांच चल रही है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी घायल खतरे के बाहर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सीसीटीवी एवं अन्य चीजों की पड़ताल की जा रही है। हमें पता चला है कि किसी ने वहां बैग रख दिया था। बताया जाता है कि यह आईईडी विस्फोट था। हमें देखना होगा, जांच चल रही है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या यह आतंकवादी कृत्य था, उन्होंने कहा कि जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस मौके पर है तथा उन्होंने गृहमंत्री को घटनास्थल पर जाने को कहा है।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘यह कोई बड़ा विस्फोट नहीं था, यह आईईडी विस्फोट था। ऐसी चीजें पहले भी हुई हैं, यह नहीं होना चाहिए। देखते हैं, यह क्या है। हाल के समय में भाजपा के शासनकाल के दौरान मेंगलुरु की घटना के अलावा ऐसे विस्फोट और नहीं हुए। यह हमारी सरकार के दौरान ऐसी पहली घटना है।’’