दुग्ध संघ में पसरा भ्रष्टाचार, जनता को परोसा जा रहा है मेलामाइन युक्त दूध: दसौनी

देहरादून। दुग्ध संघ में व्याप्त भ्रष्टाचार और मिलावटी दूध के प्रकरण पर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि पिछले दिनों उनके द्वारा दुग्ध संघ लाल कुआं में हो रही वित्तीय अनियमिताओं को लेकर प्रेस वार्ता की गई थी जिसमें कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के द्वारा जांच रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि होते हुए भी संबंधित लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

दुग्ध संघ लाल कुआं के प्रधान प्रबंधक एवं अन्य लोगों पर सरकारी धन को बट्टा लगाने के आरोप लगाते हुए दसोनी ने कहा कि प्रेस वार्ता इस मंशा के साथ की गई थी कि विभागीय मंत्री आरोपों की गंभीरता को समझेंगे और प्रकरण की जांच करेंगे साथ ही साथ भ्रष्टाचारी पदाधिकारियो पर कार्यवाही करेंगे,परंतु यह दुर्भाग्य ही है की मंत्री अपने विभाग की अव्यवस्थाओं को परखने के बजाय मुख्य विपक्षी दल के प्रवक्ताओं पर ही निचले स्तर की व्यक्तिगत टिप्पणी कर रहे हैं। दसौनी ने कहा की मंत्री जी से परिपक्वता की उम्मीद थी परंतु इतने गंभीर प्रकरण पर उनकी प्रतिक्रिया ने बहुत निराश किया।

दसौनी ने पत्रकार वार्ता के दौरान कई गंभीर खुलासे करते हुए कहा की आज उत्तराखंड का दुग्ध संघ चांद मुठ्ठी भर लोगों की व्यक्तिगत संपत्ति हो चुका है और वह जैसा चाह रहे हैं वैसा विभाग में चल रहा है। दसौनी ने दुग्ध संघ में चल रहे भ्रष्टाचार के लिए जयदीप अरोड़ा को घेरा ।

अरोड़ा पर गंभीर आरोप लगाते हुए दसोनी ने कहा की अरोड़ा के विरुद्ध चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सहारनपुर द्वारा दिनांक 13 मार्च 2006 को आईपीसी की धारा 420, 120- बी, के तहत दंड निर्धारित किया गया
जयदीप अरोड़ा कुछ दिन जेल की हवा भी खा कर आए हैं परंतु उनके द्वारा भ्रामक सूचना देकर अपनी पदोन्नति कर ली गई है। जो अवैधानिक है ।
दसौनी ने कहा की हतप्रभ करने वाली बात यह है की अरोड़ा वर्तमान में चार प्रमुख पदों पर नियुक्ति पाए हुए हैं । जयदीप अरोड़ा ज्वाइन डायरेक्टर डेरी विकास विभाग हैं, वह एनटीडीसी जो कि भारत सरकार की योजना है उसके डायरेक्टर भी हैं, जयदीप अरोड़ा ही एम डी यानी प्रधान निदेशक डेयरी फेडरेशन भी है और जयदीप अरोड़ा ही देहरादून दुग्ध संघ के प्रधान प्रबंधक भी हैं। यानी जयदीप अरोड़ा खुद ही आदेश दे रहे हैं और खुद ही ले रहे हैं।
दसोनी ने कहा कि अरोड़ा का देहरादून में अपना निजी मकान होते हुए भी देहरादून दुग्ध संघ के रेस्ट हाउस को उन्होंने अपना आवास बना लिया गया है और अपने मकान को किराए में लगा दिया गया है ।जयदीप अरोड़ा द्वारा अपने निजी वाहन के गैराज हेतु बिना अनुमति के दुग्ध संघ से भवन बना लिया गया जिसकी बाद में शिकायत भी की गई ।जयदीप अरोड़ा द्वारा मनमर्जी से दुग्ध संघ की राय के बिना ही योजनाएं बनाई जाती है तथा धनराशि भी अपनी मर्जी से ही दुग्ध संघ को दी जा रही है, जिसका परिणाम यह है कि प्लांट मशीनरी तो लगाई जाती है परंतु वह काम नहीं करती जैसे उधम सिंह नगर दुग्ध संघ में तड़का पैक घी मशीन फ्लेवर दूध की मशीन बल्क मिल्क कूलर दुग्ध संघ लाल कुआं में डीप फ्रीज स्टोर इत्यादि।

दसौनी ने कहा कि गढ़वाल मंडल के समस्त दुग्ध संघ अरोड़ा के सीधे नियंत्रण में विगत कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं वहां दुग्ध संघ तो बंद होने के कगार पर आ ही गए हैं तथा कार्मिकों को विगत कई वर्षों से वेतन नहीं मिल रहा है परंतु जयदीप अरोड़ा के द्वारा इस बीच दो प्रमोशन ले लिए गए हैं। उत्तराखंड में डेयरी से संबंधित समस्त कार्य उपार्जन, विपणन विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन दुग्ध संघ डेयरी फेडरेशन द्वारा किया जा रहा है डेरी विकास विभाग द्वारा मात्र यह कहा जाता है कि हमारा काम केवल मॉनिटरिंग का है।दसौनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अरोड़ा अपने चहेते लोगों को विभिन्न दुग्ध संघ के जीएम के रूप में नियुक्ति देते हैं और सचिवों और मंत्रियों को बेश कीमती उपहार देकर अनुग्रहित भी करते हैं।
दसौनी ने कहा कि 27 अक्टूबर 2021 को जयदीप अरोड़ा द्वारा मंगल पड़ाव की सहकारी डेरी फेडरेशन को पत्र लिखकर तत्कालीन मंत्री रेखा आर्य को 300 डबल बेड की बेडशीट क्रय कराकर मंत्री जी के कार्यालय में उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया जिसका पत्र संलग्न है ।दसौनी ने कहा कि पिछले दिनों की गई प्रेस वार्ता में मुकेश बोरा एवं निर्भय नारायण पर कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की जांच रिपोर्ट को आधार बनाते हुए गंभीर आरोप लगाए गए थे लेकिन जानकारी प्राप्त हुई है की मुकेश बोरा जो की लाल कुआं के दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष हैं उन्हें 5 जनवरी 2022 को उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन लिमिटेड हल्द्वानी का प्रशासक नियुक्त किया गया। दसौनी ने बताया कि नियम है कि कोई भी प्रशासक अधिकतम एक वर्ष से अधिक समय के लिए पद पर नही रह सकता परंतु मुकेश बोरा को 2 वर्ष से भी अधिक का समय प्रशासक उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन हल्द्वानी के पद पर हो गया है और वह अभी भी गैरकानूनी रूप से तैनात हैं। अवगत यह भी कराना है कि मुकेश बोरा का अध्यक्ष नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड लाल कुआं का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है। मुकेश बोरा उत्तराखंड सहकारी समिति अधिनियम 2003 का उल्लंघन करते हुए अनाधिकृत एवं असंवैधानिक रूप से उत्तराखंड सहकारी डेरी फेडरेशन लिमिटेड हल्द्वानी के प्रशासक पद पर नियुक्त हैं। जबकि उत्तराखंड सहकारी डेरी फेडरेशन लिमिटेड हल्द्वानी की प्रबंध कमेटी का कार्यकाल भी दिनांक 14 दिसंबर 2023 को समाप्त हो चुका है।
दसौनी ने यह भी बताया कि 17 जुलाई 2017 को त्रिवेंद्र रावत की प्रचंड बहुमत की सरकार में भाजपा के ही खानपुर से विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने 15 बिंदुओं पर जयदीप अरोड़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए पत्र लिखा था परंतु उस वक्त भी विभागीय सचिव द्वारा 16 नवंबर 2017 को जयदीप अरोड़ा को क्लीन चिट दे दी गई
दसौनी ने कहा कि आज प्रदेश के दुग्ध संघ में जो कुछ भी चल रहा है वह बहुत गंभीर है जिस तरह का भ्रष्टाचार दुग्ध संघ में पनप रहा है और जिस प्रकार से जयदीप अरोड़ा को बार-बार हर अपराध की बाद क्लीन चिट मिल जाती है वह जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के बीच के गठजोड़ और अरोड़ा की शासन में पैठ को साफ परिलक्षित करता है ।
दसौनी ने कहा मिलावटी दूध मामला जन सरोकारों से जुड़ा हुआ है उत्तराखंड की जनता पहले से ही कोरोना महामारी और डेंगू जैसी बीमारियों से जूझ रही है इलाज कराना दिन प्रतिदिन महंगा हो रहा है ऊपर से भारी मात्रा में मेलामाइन युक्त दूध उत्तराखंड की जनता और बच्चों को परोसा जा रहा है, विभाग की ओर से जो वित्तीय गड़बड़ियों हो रही हैं उन पर भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है, ऐसे में काश विभागीय मंत्री विपक्षी दल के प्रवक्ताओं पर घटिया स्तर की टिप्पणी करने के बजाय परिपक्वता दिखाते हुए यदि अपने विभाग पर ध्यान देते तो बेहतर होता।

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