एजल। मिजोरम विधान सभा चुनाव में सत्ता विरोधी तेज लहर के बीच प्रदेश के सबसे नए राजनीतिक दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने शानदार जीत दर्ज करते हुए 40 में से 27 सीटें जीत कर मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया। मुख्यमंत्री जोरमथांगा एजल पूर्व-1 की अपनी सीट से चुनाव हार गए हैं। इस चुनाव ने मिजोरम के राजनीतिक इतिहास को एक नया मोड़ दिया है।
मिजोरम को राज्य का दर्जा मिलने के बाद से यहां की सत्ता कांग्रेस और एमएनएफ के बीच घुमती चली आ रही थी । सत्ता की इस द्विध्रुवीय राजनीति को जेडपीएम ने भंग किया है। एमएनएफ लगातार तीन बार से राज्य में सत्ता में थी और पिछले विधानसभा चुनावों में इसे 26 सीटें हासिल हुई थीं, इस पार्टी ने उसके बाद हुए उपचुनावों में दो और सीटें हासिल की थीं। इस बार चार अन्य राज्यों के साथ नवंबर में कराए गए मिजोरम के चुनाव की सोमवार को हुई मत गणना के बाद एमएनएफ केवल 10 सीटों पर सिमट कर रह गयी है।
भाजपा ने भी पिछले चुनाव में एक विधायक की तुलना में दो सीटें जीतकर कुछ बेहतर प्रदर्शन किया है। ईसाई-बहुल इस राज्य में कांग्रेस केवल एक सीट पर जीत हासिल कर पाई। वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता सी न्गुनलियानचुंगा लॉन्ग्टलाई पश्चिम सीट पर लगातार तीसरी बार विजय दर्ज करने में सफल रहीं। वहीं केन्द्र की सत्ता में आसीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दो सीटों पर ही जीत हासिल हुई है।
वर्ष 2017 में स्थापित जेडपीएम ने अपने गठन के बाद मिजोरम विधानसभा के दूसरे चुनाव में अपनी धाक जमायी है। इस पार्टी के उत्थान के साथ एमएनएफ और कांग्रेस जैसी राज्य की पुरानी पार्टियां इस बार हासिए पर चली गयीं। तीन बार के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और उप-मुख्यमंत्री तावंलुइया सहित कई दिग्गज समझे जाने वाले उम्मीदवारों को इस चुनाव में मुंह की खानी पड़ी है।
जोरमथांगा (79) एजल पूर्व-1 विधान सभा सीट पर जेडपीएम उम्मीदवार और पूर्व विधायक लालथनसांगा से 2101 वोटों से हारे। उप मुख्यमंत्री और जेडपीएम के अस्सी वर्षीय उम्मीदवार तावंलुइया को तुइचांग निर्वाचन क्षेत्र में जेडपीएम उम्मीदवार डब्ल्यू छुआनावमा पराजित किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जोडिंटलुआंगा और निहार कांति चकमा, ( दोनों पूर्व मंत्री) को क्रमशः थोरांग और पश्चिम तुईपुई के अपने गृह क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा।
ये दोनों क्रमश: लगातार चार और पांच बार से जीतते आ रहे थे। मिजोरम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लालसावता को आइजोल पश्चिम-3 निर्वाचन क्षेत्र में जेडपीएम उम्मीदवार और मौजूदा विधायक वीएल जैथनजामा के सामने हार का सामना करना पड़ा। भारी चुनौतियों के बावजूद निवर्तमान सरकार में मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे ने एजल-पूर्व-द्वितीय से ग्रामीण सीट छोड़ने के बाद हचेक निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की।
मंत्री लालचंदमा राल्ते ने अपनी तुइवावल सीट बरकरार रखी। एमएनएफ के प्रमुख विजेताओं में थोरांग से आर रोहमिंगलियाना, पश्चिमी तुइपुई से प्रावो चकमा और तुइचावंग से शांति जीबन चकमा शामिल हैं। जेडपीएम के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा ने सेरछिप सीट बरकरार रखी है। इसी पार्टी के चर्चित प्रत्याशी और फुटबॉल को बढ़ावादेने वाले लालनघिंगलोवा हमार आइजोल पश्चिम-द्वितीय सीट पर जीत हासिल की।
उन्होंने एमएनएफ के लालरुआत्किमा को हराया। जेडपीएम के उम्मीदवार भारतीय पूर्व फुटबॉलर जेजे लालपेख्लुआ ने दक्षिण तुईपुई में एमएनएफ के दिग्गज डॉ. आर लालथंगलियाना शिकस्त दी। आइजोल उत्तर-तृतीय में इसी पार्टी के पूर्व पत्रकार से राजनेता बने के सपडांगा ने सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक लालमुआनपुइया को हराया। वर्ष 2023 के मिजोरम चुनावों ने एक नया इतिहास रचा है।
राज्य में पहली बार तीन महिला विधायक चुनी गईं और तीनों अनारक्षित सीटों से जीतीं। आइजोल दक्षिण-तृतीय से जेडपीएम की उम्मीदवार बेरिल वन्नेइहसांगी तलाऊ, लुंगलेई पूर्व से लालरिनपुई और पश्चिम तुईपुई से एमएनएफ उम्मीदवार प्रवो चकमा ने जीत हासिल की।