नई दिल्ली। दिल्ली ( Delhi) में वायु प्रदूषण की वजह से लोग दमघोटू हवा में जीने के लिए मजबूर हैं। एयर क्वालिटी गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB ) के अनुसार, दिल्लीभर में वायु गुणवत्ता (Air Quality) ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। आनंद विहार में एक्यूआई 452, आरके पुरम में 433, पंजाबी बाग में 460 और आईटीओ में 413 रहा।
Punjabमें पराली जलने की घटनाओं में इजाफा
पंजाब में पराली जलने की 3,200 घटनाएं सामने आईं। जब-जब पंजाब में पराली जलने की घटनाओं में इजाफा होता है, उससे दिल्ली में पल्यूशन लेवल 400 या 500 तक पहुंच जाता है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में पल्यूशन लेवल 400 से अधिक है। न तो किसी रोड पर दिल्ली सरकार (Delhi Government) की एंटी स्मॉग गन दिख रही है और न ही स्प्रिंकलर्स ही दिख रहे हैं। दिल्ली में पल्यूशन कम को पूरी तरह से नियंत्रित करने क लिए जितने स्मॉग गन और स्प्रिंकलर्स की जरूरत है, उतने सरकार के पास नहीं हैं। सचदेवा के अनुसार, अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए दिल्ली सरकार अब केंद्र सरकार पर दोष मढ़ रही है। दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रदूषण को लेकर बैठक बुलाई थी। उसमें दिल्ली और पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों ने चुप्पी साध रखी थी। केंद्र सरकार ने ऐसी घटनाओ पर रोक के लिए 3,333 करोड़ रुपये भी दिए हैं। हरियाणा में पराली जलने की घटनाओं पर तो 90 फीसदी तक रोक लग चुकी है। लेकिन पंजाब में पराली जलने की घटनाओं पर अभी तक रोक नहीं लगी है। दिल्ली बीजेपी प्रदेश मंत्री हरीश खुराना ने भी ऑड-ईवन पर दिल्ली सरकार को घेरा। उनका कहना है कि सरकार इस योजना पर अबतक करोड़ो रुपये खर्च कर चुकी है। लेकिन, इससे लाभ कुछ भी नहीं मिला।