आरक्षण महिलाओं का अधिकार : प्रियंका

मोहनखेड़ा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Congress General Secretary Priyanka Gandhi)वाड्रा ने आज महिला आरक्षण और जातिगत जनगणना (Caste census ) के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जब संविधान ने देश में सभी को समान अधिकार दिए हैं तो सरकार जातिगत जनगणना क्यों नहीं करा रही।

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश के आदिवासीबहुल धार जिले के मोहनखेड़ा के दौरे पर आईं  वाड्रा ने अपने संबोधन में आदिवासियों और महिलाओं को केंद्र में रखा। उन्होंने महिला आरक्षण (Women’s reservation) के मुद्दे पर पार्टी का रुख रखते हुए कहा कि कांग्रेस(Congress ) ने इसका समर्थन किया, लेकिन बाद में ये पता चला कि ये आरक्षण 10 साल बाद लागू होगा और इसके पहले जातिगत जनगणना और परिसीमन आवश्यक है। इसी क्रम में उन्होंने सरकार ( Government)पर हमला बोलते हुए कहा कि जब ये 10 साल बाद लागू होगा तो इसका मतलब क्या है। इसी क्रम में वे यहां तक कह गईं कि क्या सरकार ने महिलाओं को मजाक समझा है।

उन्होंने लगाातार महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि ये आरक्षण महिलाओं का अधिकार है। उन्होंने महिलाओं के मुद्दे पर ही प्रदेश सरकार को भी घेरते हुए कहा कि मध्यप्रदेश महिलाओं और बच्चियों के गायब होने के मामले में नंबर एक पर है।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोहनखेड़ा के पास स्थित अमका-झमका मंदिर से जुड़े कृष्ण-रुक्मिणी प्रसंग का संदर्भ देते हुए कहा कि जिस प्रकार रानी रुक्मिणी ने कृष्ण को दुनिया भर के लांछन से बचाने के लिए रथ के घोड़े की कमान अपने हाथ में ली, उसी प्रकार अब महिलाओं को अपने बच्चों के भविष्य की ‘लगाम’ अपने हाथ में लेनी होगी।

राज्य के पश्चिमी हिस्से में स्थित धार जिले के इस मंदिर के संबंध में मान्यता है कि यहीं से श्री कृष्ण ने रुक्मिणी का हरण किया था।प्रियंका गांधी वाड्रा इसी संदर्भ में बोल रहीं थीं। स्थानीय आदिवासियों के बीच ये मंदिर श्रद्धा का बड़ा केंद्र है।कांग्रेस की इस जनाक्रोश रैली में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

आदिवासीबहुल इस क्षेत्र के अपने दौरे के दौरान आदिवासियों को अपनी दादी स्वर्गीय इंदिरा गांधी से भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि स्वगीय इंदिरा गांधी ने हमेशा आदिवासियों को मजबूत बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कभी आदिवासियों की परंपराओं को बदलने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि उनकी दादी बहुत बड़ी हस्ती थीं। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी महापुरुष तब बन पाता है, जब वो जनता के साथ भरो

Leave a Reply