कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के उत्तर 24 परगना जिले में अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट (blast)में मरने (killed )वालों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। सूत्रों ने बताया कि दत्तपुकुर के आवासीय इलाके में फैक्ट्री चलाने के आरोपियों में से एक केरामत अली और फैक्ट्री के एक साझेदार समसुल अली ने बारासात मेडिकल अस्पताल (Medical Hospital) में दम तोड़ दिया।
रविवार के विस्फोट में कुल मिलाकर सात लोग हताहत हुए और सात लोग घायल हुए थे जिसमें से तीन महिलाएँ थीं। यह विस्फोट सुबह करीब 10:30 बजे दत्तपुकुर थाना के अंतर्गत नीलगंज-मोशपोल के आवासीय इलाके में हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि विस्फोट से आग की लपटें नहीं उठीं, लेकिन पूरा इलाका घने काले धुएं से ढक गया।
सूत्रों ने बताया कि पटाखों से भरे सैकड़ों बोरे – चॉकलेट बम, अन्य भी गोदाम में पाए गए, लेकिन वह इस बड़े विस्फोट में प्रभावित नहीं हुये।यह धमाका समशुल अली के घर पर हुआ था, जिसकी जानकारी पुलिस को इस भीषण धमाके की जांच के दौरान हुई।
रिपोर्ट में कहा गया कि जलकुंभी से भरे तालाब में एक क्षत-विक्षत शव मिला।विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि वह घटनास्थल का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर मामला है, क्योंकि यह सीरियल ब्लास्ट की श्रृंखला को जोड़ता है जो पश्चिम बंगाल में आये दिन होते रहते हैं।उन्होंने कहा कि मई के महीने में एगरा, बज बज और दुबराजपुर में भी विस्फोट हुए थे।
उन्होंने ट्वीट किया, एक जून को नादिया जिले के महेशनगर में ऐसा विस्फोट हुआ था। मैं स्थिति और विस्फोटों की बार-बार होने वाली घटनाओं के बारे में बहुत चिंतित हूं। इसलिए मैंने कुछ कदम उठाने का फैसला किया है।
विपक्ष के नेता ने कहा, मैं जनहित याचिका दायर करके उक्त मामले में एनआईए जांच के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाऊंगा। अधिकारी ने कहा, मैं अपने साथी भाजपा विधायकों के साथ सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में एक ‘स्थगन प्रस्ताव’ पेश करूंगा। इस मामले के संबंध में ताकि हम सरकार से जवाब मांग सकें कि वे ऐसी अवैध पटाखा इकाइयों पर शिकंजा कसने के लिए इतने लापरवाह क्यों हैं।