अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में आतंकवाद पर अंकुश लगाने पर होगी चर्चा

नयी दिल्ली। आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के उपायों पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालयआगामी शुक्रवार को यहां दो दिन के मंत्री स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। गृह मंत्रालय के अनुसार इस सम्मेलन का विषय ‘आतंकवाद के लिए धन नहीं’ रखा गया है और इसमें पेरिस तथा मेलबर्न में हो चुके सम्मेलनों में आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के बारे में हुई बातचीत को आगे बढ़ाया जाएगा।

सम्मेलन में 75 देशों तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की संभावना है। केंद्रीय गृह मंत्र अमित शाह इस सम्मेलन में भाग लेंगे और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के दृढ़ संकल्प के साथ साथ सरकार की नीतियों की जानकारी देंगे ।

इस सम्मेलन का आयोजन सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे को महत्व देने के साथ-साथ इस खतरे के खिलाफ उसकी जीरो टॉलरेंस की नीति और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने की इच्छा को दर्शाता है। सम्मेलन का उद्देश्य पेर में 2018 और मेलबर्न में 2019 में अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा आयोजित पिछले दो सम्मेलनों में आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने से संबंधित चर्चाओं को आगे बढ़ाना है इसके अलावा आतंकवाद के वित्तपोषण के सभी आयामों के तकनीकी, कानूनी, विनियामक और सहयोग के पहलुओं पर चर्चा को भी इसमें शामिल किया गया है।

यह सम्मेलन आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर केंद्रित अन्य उच्चस्तरीय आधिकारिक और राजनीतिक विचार-विमर्श की गति को भी निर्धारित करेगा। वैश्विक स्तर पर, विभिन्न देश कई वर्षों से आतंकवाद और उग्रवाद से प्रभावित हैं। अधिकांश मामलों में हिंसा के तौर तरीके भिन्न होते हैं लेकिन यह बड़े पैमाने पर लंबे समय तक सशस्त्र सांप्रदायिक संघर्षों के साथ-साथ एक अशांत भू-राजनीतिक वातावर के कारण पनपता है।

इस तरह के संघर्षों का नतीजा अक्सर कुशासन, राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक अभाव और बड़े अनियंत्रित क्षेत्र के रूप में सामने आता है। भारत ने तीन दशकों से अधिक अवधि में कई प्रकार के आतंकवाद और इसके वित्तपोषण का सामना किया है, इसलिए वह इससे प्रभावित राष्ट्रों के दर्द और आघात को समझता है।

शांतिप्रिय राष्ट्रों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के मामले में निरंतर सहयोग के लि संपर्क बनाने में मदद करने हेतु, भारत ने अक्टूबर में दो वैश्विक कार्यक्रमों – दिल्ली में इंटरपोल की वार्षिक आम सभा और मुंबई एवं दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद विरोधी कमेटी के एक विशेष सत्र – की मेजबानी की।

यह सम्मेलन विभिन्न राष्ट्रों के बीच समझ और सहयोग विकसित करने के हमारे प्रयासों को आगे बढ़ाएगा। सम्मेलन में होने वाली चर्चा आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण के वैश्विक रुझानों, आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों के इस्तेमाल, उभरती प्रौद्योगिकियों और आतंकवाद के वित्तपोषण और संबंधित चुनौतियों का सामना करने के लिए अपेक्षित अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर केंद्रित होगी।

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