पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि राजद और जदयू के हाथ मिलाने के कारण भाजपा के निर्देश पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) फिर से लालू प्रसाद यादव को प्रताड़ित करने में लग गया है।
मुख्यमंत्री ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी समेत 16 लोगों के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में सीबीआई के आरोप पत्र दाखिल करने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि पांच साल पहले भी सीबीआई ने इसी मामले में छापेमारी की थी लेकिन उसमें कुछ नहीं हुआ ।
कुमार ने कहा,”ये कोई तरीका है। हम लोग एक साथ आये हैं इसलिए यह सब हो रहा है। इन सब चीजों पर हमलोग क्या कहेंगे। इन लोगों की जो मर्जी होती है, वो सब करते रहते हैं। इन सब का कोई मतलब नहीं है।
गौरतलब है कि वर्ष 2017 में जब राजद और जदयू की सरकार थी और उसमें तेजस्वी प्रसाद यादव उप मुख्यमंत्री थे तब उस समय भी सीबीआई ने रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन लिखवाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव के 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी ।
इस मामले में श्रीमती राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव को भी सीबीआई ने आरोपी बनाया था । उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्री तेजस्वी यादव से इस मुद्दे पर मीडिया में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा था, लेकिन तब उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया ।
इसके बाद राज्य में राजद-जदयू की सरकार गिर गई थी और श्री नीतीश कुमार ने 24 घंटे के अंदर ही भाजपा से हाथ मिला कर फिर से सरकार बना ली थी।