नयी दिल्ली। तेलंगाना भवन में ‘बथुकम्मा’ मनाया गया जिसमें दिल्ली-एनसीआर और पड़ोसी गाजियाबाद में रहने वाले लोग बड़ी संख्या में आयोजित उत्सव में शामिल हुए।
‘बथुकम्मा’ को राष्ट्रीय त्योहार के रूप में बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने के लिए मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने महत्वपूर्ण प्रयास किया है।
तेलंगाना सरकार का पर्यटन विभाग लोगों में रूचि पैदा करने में काफी सफल रहा है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के निर्देशानुसार, सरकार अलग तेलंगाना के गठन के बाद बथुकम्मा उत्सव के अवसर पर राज्य में महिलाओं को रंगीन डिजाइनों की साड़यिां वितरित कर रही है।
राज्य की तरह तेलंगाना भवन में आयोजित बथुकम्मा में आज सभी महिला प्रतिभागियों को सोने और चांदी की जरी की साड़यिों का वितरण किया गया। महिलाएं सुबह से ही ‘बथुकम्मा’ तैयार करने के लिए देवी-देवताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने वाली पुष्प तैयार करने के लिए इकट्ठी हुईं और नृत्य किया।
आवश्यक फूल, जैसे‘गुनुगु, थंगेडु, चमंती, बंटी, गुम्मद, और गद्दी’, दिल्ली सरकार की विशेष अनुमति के साथ रिज क्षेत्र सहित दिल्ली और उसके आसपास से खरीदे गए थे।
तेलंगाना भवन ‘बथुकम्मा’ की धुनों से गूंज उठा, जबकि महिलाओं ने रेशम और महीन कपड़े पहने और बच्चों ने अपने लहंगे में दिल्लीवासियों के समक्ष तेलंगाना संस्कृति की सर्वोत्कृष्टता का परिचय दिया।
एनसीआर और उसके आसपास के विभिन्न संस्थानों के तेलंगाना के छात्र उत्सव में भाग लेने के लिए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।
बड़ी संख्या में दिल्ली और उत्तर भारत के लोगों ने भी इसमें रूचि दिखाई। बुधवार को जैसे ही तेलंगाना भवन ‘बथुकम्मा, बथुकम्मा उय्यालो’ गीतों से गूंज उठा, कई उत्तर भारतीय महिलाएं पारंपरिक ‘बथुकम्मा’ गीतों की धुन पर नृत्य करने में अपने तेलंगाना समकक्षों के साथ शामिल हुईं।
तेलंगाना सरकार ने मेहमानों के लिए विशिष्ट तेलंगाना व्यंजनों से युक्त रात्रिभोज ‘तेलंगाना रुचिलु’ की मेजबानी की। तेलंगाना पर्यटन और संस्कृति मंत्री वी श्रीनिवास गौड़ मुख्य अतिथि के रूप में तेलंगाना भवन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।