अल्मोड़ा । जिला अस्पताल में लाखों की कीमत से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट पिछले पांच महीनों से ऑपरेटर न होने की वजह से बंद पड़ा है। मार्च में कार्यरत कर्मचारी को सेवा विस्तार न मिलने से उसने भी नौकरी छोड़ दी।
करीब 23 बेड के जिला अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई बाहरी स्रोतों से लेनी पड$ रही है। अनदेखी भी इतनी कि दोबारा नियुक्ति के आदेश आने के बाद भी ऑपरेटर की नियुक्ति नहीं की गई है।
अल्मोड़ा का जिला अस्पताल खुद का ऑक्सीजन प्लांट होने के बाद भी आधी से ज्यादा ऑक्सीजन की आपूर्ति बाहरी स्रोतों से कर रहा है। जिला अस्पताल में अप्रैल से ऑक्सीजन प्लांट पर ऑपरेटर ही नियुक्त नहीं है। दो साल पहले उपनल के माध्यम से मनमोहन बोरा नाम को ऑपरेटर के पद पर नियुक्त किया गया था। मार्च में मनमोहन को सेवा विस्तार नहीं मिल सका।
तब से ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़ा है। विभागीय अधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया और खुद के पास व्यवस्था होने के बाद भी बाहर से आपूर्ति होने लगी। जानकारी की गई तो ऑपरेटर रखने के लिए शासन के पास बजट न होने की बात भी सामने आई।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि कुछ समय पहले ऑक्सीजन प्लांट पर तकनीकी व्यक्ति की नियुक्ति के निर्देश उच्चाधिकारियों के पास पहुंचे थे लेकिन उनकी अनदेखी कर दी गई। सीएमओ आर सी पंत का कहना है कि अस्पताल के अन्य कर्मियों से ऑपरेट करने का प्रयास किया गया था लेकिन तकनीकी जानकारी न होने की वजह से वे अपडेट नहीं कर पा रहे हैं। पिछले दो हफ्ते से यह समस्या ज्यादा सामने आ रही है।
जल्द इसके निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं साथ ही कोर्ट का फैसला आने पर आउटसोर्सिंग कर्मी को नियुक्त भी किया जाएगा।