हरिद्वार चुनाव को लेकर हरदा मिले सीएम धामी से

फिलहाल सीएम पर भरोसा करने का अलावा कोई चारा नहीं

देहरादून। वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व सीएम हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। रावत ने उनके सामने हरिद्वार पंचायत चुनावों का मुद्दा उठाया। सीएम आवास पर उपवास की घोषणा के एक दिन पहले हुई इस मुलाकात के बाद प्रस्तावित उपवास फिलहाल टल गया है।
मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए रावत ने कहा कि उनका एक ही मुद्दा था। हरिद्वार के पंचायत चुनाव। आज हरिद्वार के अंदर पंचायती चुनावों में ग्रामीण नेतृत्व को ध्वस्त कर दिया गया है। परिसीमन व आरक्षण की आड़ में यह सब हुआ। उन्होंने इस मामले को मुख्यमंत्री के सामने उठाया है। रावत ने कहा कि इसके लिए वे उपवास करने की तैयारी कर रहे थे।
इस बीच उन्होंने सोचा कि सीएम बनने के बाद धामी उनसे मिलने उनके आवास पर आये थे। इस बीच उन्हें धामी से मिलने का मौका नहीं मिला। इसलिए उन्हें लगा कि उनके आवास पर उपवास करने से पहले एक शिष्टाचार मुलाकात करके अपने विषय को रख लिया जाए।
रावत ने कहा कि कांग्रेस चाहती हैं कि सरकार चुनाव जल्दी करा ले, लेकिन एक बात का ध्यान रखा जाए कि प्रशासन निष्पक्ष रहे। अगर हमारे कार्यकर्ताओं के उत्पीडऩ की शिकायत आयी तो फिर हमें मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ेगा।
अब 18 को सीएम आवास पर उपवास का कार्यक्रम फिलहाल टल गया है। अगर परिस्थितियों में सुधार नहीं हुआ तो फिर हमारे पास एक ही हथियार है सत्याग्रह या उपवास। आज की तारीख में हमारे पर मुख्यमंत्री पर विश्वास करने के अलावा को ई विकल्प नहीं है। हम उपनल के कर्मचारियों के लिए भी चिंतित थे।
उन्होंने बताया कि मेडिकल में काम कर रहेे उपनल कर्मचारियों का मुद्दा कैबिनेट में आ रहा है। रावत ने बताया कि उन्होंने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को लेकर भी उनसे बात की। उन्होंने सीएम को कहा कि संस्था की सफाई भी हो और परीक्षाएं भी होती रहे।

उन्होंने इस पर भी सहमति जतायी। रावत ने कहा कि किसी भी मुख्यमंत्री का आकलन करने के लिए एक महीना या सौ दिन काफी नहीं है। हम एक साल के बाद देखेंगे कि उन्होंने क्या किया क्या नहीं किया। रावत ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात की।

हाकिम सिंह सिर्फ पुर्जा, बड़े लोग पीछे हैं : हरीश

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में सामने आये भ्रष्टाचार के मामले हरीश रावत ने कहा है कि हाकिम सिंह भाजपा को लपेट चुके हैं। उन्होंने कहा है कि वे मानते हैं कि हाकिम सिंह जैसे लोग सिर्फ पुर्जा है। बड़े लोग निश्चित रूप से पीछे हैं। उन्होंने कहा सीएम धामी के सामने अब यह चुनौती है कि इस मामले की तह तक जाकर संस्था के प्रति विश्वास जगायें।

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