पंच से लेकर सरपंच पद तक महिलाओं का राज

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र तामिया विकासखंड की तीन पंचायतों में मातृशक्ति
ग्रामीणों ने निर्विरोध निर्वाचन कर लोकतंत्र की परिष्कृत तस्वीर पेश की

 राकेश प्रजापति

भोपाल/छिंदवाड़ा।सतपुड़ा की सुरम्य वादियों में बसे छिंदवाड़ा जिले का ठेठ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र तामिया जो अपने प्राकृतिक सौन्दर्य और दुर्लभ जड़ी बूटियों की उपलब्धता के लिए जाना जाता है।

आज जिले के इसी अंचल ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में लोकतंत्र की वो परिष्कृत तस्वीर पेश की है जो वाकई में काबिले तारीफ़ है। दरअसल, अब आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र तामिया विकासखंड की तीन पंचायतों में पंच से लेकर सरपंच पद तक सभी पर महिलाओं का राज रहेगा, जिसमें परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई दो पंचायतें, जबकि बिछुआ ब्लॉक की एक पंचायत भी शामिल है।

ग्रामीणों ने तामिया की तीन पंचायतों पर पंच और सरंपच के पद पर निर्विरोध निर्वाचन कर रिकॉर्ड बनाया है।

मालूम हो कि आदिवासी बाहुल्य तामिया अंचल के दूरस्थ छोर पर बसे ग्राम पंचायत हिर्री पठार के आश्रित गांव मोहलीमाता को इस बार परिसीमन के बाद पंचायत का दर्जा मिला है, जिसके बाद पहली बार यहां चुनाव संपन्न होने थे, ग्रामीणों ने 1100 की आबादी वाले अपने गांव को पंचायत का दर्जा मिलने की खुशी में निर्विरोध निर्वाचन का फैसला लिया और सभी पदों पर महिलाओं को निर्विरोध चुनकर एक मिसाल कायम की।

आदिवासी बाहुल्य घानाकोडिया में भी ऐसी ही तस्वीर सामने आई हैं, जिसने सबको चौंका दिया है। दरअसल, घटलिंगा पंचायत में आश्रित गांव घानाकोडिया को इस बार परिसीमन के बाद पंचायत का दर्जा मिला। यहां 1100 से ज्यादा आबादी वाले गांव में सरपंच से लेकर पंच तक सभी पदों पर महिलाओं के हाथों में सत्ता सौंप दी गई है। यहां भी सभी महिलाओं को निर्विरोध चुनकर ग्रामीणों ने पंचायत की कमान दे दी है।
जिले के बिछुआ जनपद के आदिवासी बाहुल्य इलाके की लोहारबतरी ग्राम पंचायत में दो गांव की पंचायत है। इसकी आबादी 1041 है। इस वर्ष हुए आरक्षण में लोहारबतरी ग्राम पंचायत महिला के लिए आरक्षित हुई थी। ग्रामीणों ने आपसी सहमति बना कर यहां भी सरपंच से लेकर पंच के 12 पदों पर महिलाओं को निर्विरोध चुना है। जो अपने आप में मिसाल है।

1 Comment
  1. likhopadhobadho says

    महिला सशक्तिकरण का उदाहरण।

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