नयी दिल्ली। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने जलमार्गों को देश और खासकर पूर्वोत्तर क्षेत्रों के विकास के लिए नये युग की शुरुआत बताया और कहा कि ये मार्ग पारिस्थिति के अनुकूल हैं तथा इन्हें आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है।
सोनोवाल ने असम के डिब्रूगढ़ में जलमार्गों को लेकर आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि जलमार्ग एक पारिस्थितिकी तंत्र है और इसे आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। यह तंत्र देश को पड़ोसी मुल्कों से जोड़ेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा। जलमार्ग सम्मेलन में हितधारकों के साथ ही नीति निर्माता भी शामिल हो रहे हैं।
इस कार्यक्रम में छह सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। कार्यक्रम में जलमार्गों को लेकर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है जिसमें 40 से ज्यादा देशों की कंपनियां भाग ले रही हैं।
कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी में असम के हस्तशिल्प, चाय और कारीगरों की कला को उजागर करने के लिए एक अलग मंच बनाया गया है जिसमें वहां की कला को प्रदर्शित किया जा रहा है। इस मंच के माध्यम से पूर्वोत्तर की कला को प्रदर्शित किया जा रहा है।