नेपाली संगठनों ने भारतीय श्रमिकों पर किया पथराव, तटबंध निर्माण कार्य रोका

नैनीताल। नेपाली संगठनों ने धारचूला में तटबंध का निर्माण कर रहे भारतीय श्रमिकों पर पथराव कर दिया और हिसंक प्रदर्शन किया तथा तटबंध के निर्माण कार्य को रोक दिया। नेपाल के भारत विरोधी संगठन पिछले कुछ समय से जबरदस्ती सीमा विवाद को हवा दे रहे हैं।

उत्तराखंड के भारत-नेपाल सीमा पर कालापानी तथा चंपावत जनपद के टनकपुर बनबसा में अंतरराष्ट्रीय सीमा के नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण का मामला दोनों देशों के बीच काफी समय तक चर्चाओं में रहा है। नेपाल के भारत विरोधी संगठन इन मामलों को जबरदस्ती हवा देते रहे हैं।

इन्हीं संगठनों की ओर से रविवार को पिथौरागढ़ के धारचूला में एक बार फिर सीमा विवाद को हवा देने की कोशिश की गयी। पिथौरागढ़ प्रशासन की ओर से काली नदी पर धारचूला से खोतिला तक बाढ़ को रोकने के लिये तटबंध का निर्माण किया जा रहा है, जिसके विरोध में इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पथराव किया।

यह भी बताया जा रहा है कि मौके पर पहुंची नेपाल की सेना तथा पुलिस ने चालक से जेसीबी की चाबी छीन ली और निर्माण कार्य को रूकवा दिया। इस घटना के बाद धारचूला तथा आसपास के लोगों में आक्रोश फैल गया।

जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने सोमवार को इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव को लिखे पत्र में कहा कि ऐसी घटनायें नेपाल सरकार के इशारे पर की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि 2013 में आयी भीषण आपदा के बाद नेपाल की ओर से काली नदी पर विशालकाय तटबंध का निर्माण किया गया लेकिन भारत के लोगों ने मित्र राष्ट्र के चलते कभी उनके काम में हस्तक्षेप नहीं किया।

अब जब भारत की ओर से जब तटबंध का निर्माण किया जा रहा है, तो भारत विरोधी संगठनों की ओर से पत्थरबाजी तथा हिंसक प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि नेपाली सेना तथा पुलिस ने काम कर रही जेसीबी मशीन की चाबी छीनकर जतला दिया है कि यह हरकत नेपाल सरकार के इशारे पर की गयी है।

उन्होंने नेपाल से भारत विरोधी प्रदर्शनों पर रोक लगाने की मांग की और साथ ही कहा कि ऐसे अनुचित कदमों से सीमा पर अशांति फैलने की आशंका है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसी हरकतों पर रोक नहीं लगी तो भारत की ओर से भी विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।

इस मामले में पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी आशीष चौहान से सम्पर्क साधने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो पायी। हालांकि पता चला है कि तभी से निर्माण कार्य रुका हुआ है। भारत की ओर से सोमवार को भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है।

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