गोपेश्वर। बद्रीनाथ धाम को मास्टर प्लान के तहत धरातल पर उतारने की कवायद अब मौसम सामान्य होते ही रफ्तार पकड़ेगी। हालांकि महायोजना के काम को मशीनें पहुंच गई है किंतु हनुमान चट्टी से आगे बड़े वाहनों के लिए आवाजाही शुरू न होने से मशीनें पांडुकेश्वर में रख दी गई है। इससे जल्द महायोजना अब धरातल पर उतर जाएगी।
मौसम सामान्य होते ही मास्टर प्लान का काम पकड़ेगा जोर
केदारनाथ धाम की तर्ज पर बद्रीनाथ धाम को भी मास्टर प्लान के तहत विकसित करने की योजना के अब परवान चढऩे की उम्मीदें जग गई हैं। मौसम सामान्य होते ही अब जल्द मास्टर प्लान का काम जोर पकड़ेगा। बद्रीनाथ महायोजना के निर्माण के लिए लोनिवि का पीआईयू डिविजन स्थापित कर दिया गया है।
गावर कंस्ट्रक्सन कंपनी द्वारा फिलहाल अनुमानित 220 करोड़ की महायोजना पर काम को तेज किया जाएगा। हालांकि महायोजना के निर्माण को कई भवनों का ध्वस्तीकरण भी कर दिया गया है। फिलहाल 6 और भवनों को चिन्हित कर अधिग्रहीत कर दिया गया है।
इनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी जल्द प्रारंभ की जाएगी। बद्रीनाथ महायोजना पर काम की कवायद हालांकि कुछ माह पूर्व कर दी गई थी किंतु भारी वर्फबारी के कारण काम ठप्प रहा। अब मौसम सामान्य होने लगा है। बद्रीनाथ तक छोटे वाहनों की आवाजाही प्रारंभ हो गई है। हालांकि बड़े वाहनों की आवाजाही शुरू करने के लिए ग्लेशियरों को काटने का काम जोर शोर से चल रहा है।
इस बार मौसम सामान्य होते ही बद्रीनाथ धाम में वैसे ही वर्फ पिघलनी शुरू हो गई है। पीआईयू डिविजन के सहायक अभियंता विनय झिंक्वाण ने बताया कि कार्यदायी संस्था गावर कंस्ट्रक्सन कंपनी ने तमाम मशीनों को बद्रीनाथ में पहले ही स्थापित कर दिया था। अब भी कई मशीनों को बद्रीनाथ में स्थापित किया जाना है। मशीनें पांडुकेश्वर पहुंच गई हैं और जल्द बद्रीनाथ पहुंच जाएंगी।
बद्रीनाथ धाम को संवारने की महायोजना के तहत प्रथम चरण में 263 करोड़ लागत के काम होंगे। फिलहाल करीब 220 करोड़ के कामों को शुरू किया जा रहा है। इसके तहत बद्रीनाथ धाम में मंदिर परिसर और आस्था पथ को आकर्षक बनाने की योजना है। बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के तहत कई चरणों में कार्य संचालित होंगे। प्रथम चरण में आस्था पथ का निर्माण प्रस्तावित है।
यह शेषनेत्र झील से धाम परिसर तक होगा। बद्रीनाथ धाम में हर साल तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या के चलते ही महायोजना को प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। यात्रियों को मंदिर तक पहुंचने के लिए सुगम और सुरक्षित मार्ग बनाने तथा स्थानीय लोगों की आर्थिकी को बढाने के दृष्टिगत बद्रीनाथ धाम में विकास कार्य किए जाएंगे।
इससे श्रद्धालुओं की बद्रीनाथ मंदिर से लेकर तप्तकुंड एवं बद्रीनाथ के आसपास अन्य सभी धार्मिक स्थलों तक आसान पहुंच बन सकेगी। बद्रीनाथ मे अलकनंदा के दोनों तरफ रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का कार्य किया जाना प्रस्तावित है। तप्तकुंड, ब्रह्मकपाल, नारद कुंड, सुग्रीव शिला, अलकनंदा नदी तट, साकेत तिराहा, माणा चौराहा एवं आस पास के स्थानों को मास्टर प्लान के तहत विकसित किया जाएगा।
मास्टर प्लान के पहले चरण मे शेष नेत्र व बद्रीश झील का सौन्दर्यीकरण, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, वन वे लूप रोड निर्माण, अस्पताल का विस्तारीकरण तथा बहुद्देशीय/आगंतुक भवन आदि निर्माण कार्य होने हैं।
दूसरे चरण मे बद्रीनाथ मुख्य मंदिर के आस पास साइड डेवलपमेंट तथा तीसरे चरण मे झील से मंदिर को जोडने का कार्य किया जाएगा। फिलहाल 220 करोड़ की योजना के कार्य शुरू होंगे। इसके अलावा 150-200 करोड़ की योजनाओं की डीपीआर बना कर भेजी गई है। महायोजना बनने से तीर्थयात्रियों को भगवान बद्रीनाथ की दिव्य दृष्टि की सुखद अनुभूति मिलेगी।