सिलीगुड़ी । मुम्बई व कोलकाता के नामचीन फिल्म निर्देशकों व कलाकारों का सिलीगुड़ी में जमावड़ा हुआ, मौके का फायदा उठा पायेंगे तराई, डुआर्स व पहाड़ के कलाकार, उत्तर बंगाल से कितने नये कलाकार मुम्बई में जमा रहे हैं अपने पैर। मौका था 3rd एवरेस्ट इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल एंड 1st कंचनजंगा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का।
सिलीगुड़ी के सेवक रोड स्थित होटल माइलस्टोन में बीते दिनों सितारों का मेला लगा हो। नामचीन हिन्दी फिल्मों के मशहूर कलाकार व डायरेक्टर यशपाल शर्मा के साथ ही कई मशहूर फिल्म निर्माता निदेशक व म्यूजिक डायरेक्टर इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। यह कार्यक्रम पिछले तीन वर्षों से सिलीगुड़ी में आयोजित होता आ रहा है। इसके जरिए मुम्बई तथा कोलकाता से आये मशहूर डायरेक्टर व फिल्म निर्माता तराई-डुआर्स व पहाड़ के कलाकारों को मौका देने की कोशिश करते हैं। यहां की प्राकृतिक सौंदर्य में शुटिंग भी करते हैं।
कार्यक्रम के चेयरमैन मशहूर डायरेक्टर डॉ. मोहन दास का कहना है कि उत्तर बंगाल में अपार संभावनाएं हैं। यहां प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही कलाकारों की भरमार है लेकिन शायद कहीं, सोच अभी भी कुछ हद तक पिछड़ी हुई है। जिसके कारण लोग घर छोड़कर मुम्बई जाना नहीं चाहते हैं।
इस कार्यक्रम के जरिए दरअसल वे यहां के कलाकारों को मौका देना चाहते हैं। इनफैक्ट दो-तीन नये कलाकार उन्होंने अपनी फिल्मों में लिये भी हैं। एक प्रकार से यह एक टेलेंट हंट है। फिल्मी संसार व इऑन फिल्म्स ने कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सिलीगुड़ी के नामचीन व्यवसायी साजन वर्मा ने की व चेयरमैन थे मशहूर फिल्म निर्माता डॉ. मोहन दास जी।
कार्यक्रम में खास तौर पर हरियाणा के मशहूर फोक गायक दादा लखमीचंद शर्मा की जीवनी पर बनी फिल्म दादा लखमीचंद को बेस्ट फिल्म का अवार्ड मिला। इस फिल्म में निर्माता व बतौर हीरो यशपाल शर्मा को बेस्ट एक्टर और बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड मिला। उनके साथ कई अन्य डायरेक्टरों को उनके बेहतरीन फिल्मों के लिए अवार्ड मिले। जैसे स्लिपिंग बुद्धा के लिए कोलकाता के निवासी मशहूर डायरेक्टर अनिर्वान चक्रवर्ती को अवार्ड मिला। इस फिल्म में खास तौर पर दार्जिलिंग पहाड़ के कई नेपाली अभिनेताओं को हम देख सकते हैं।
उन्होंने भी दार्जिलिंग, डुआर्स सहित उत्तरबंगाल में फिल्म बनाने में अपनी विशेष रुची के बारे में बताया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित थे शहर के नामचीन व्यवसायी सुरेश कुमार बंसल,हुकुमीचंद बंसल व सुशील मित्रुका जी की उपस्थिति में दीन दयाल की रागिनी गायकी ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सुरेश बंसल जी का कहना है कि दीन दयाल जी को सिलीगुड़ी के हरियाणवी समाज के दादा लख्मी कहा जाता है।