देहरादून। प्रदेश में मतदान सम्पन्न होने के बाद जहां राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के साथ ही आम आदमी भी भावी सरकार के बारे में आकलन करने में जुटा है वहीं प्रदेश के असली हुक्मरान यानि व्यूरोक्रेट्स भी इसका आकलन करने में जुट गये हैं।
बताया जा रहा है कि शासन में बैठे आला अफसर इस बात को लेकर काफी गंभीर हैं कि सरकार किसकी बनेगी और अगला सीएम कौन होगा। अफसर इस बात को लेकर फिक्रमंद हैं कि किसके साथ उन्हें ज्यादा फ्रीहैंड काम करने का अवसर मिलेगा और किसके साथ नहीं।
शासकीय कार्यों में राजनीतिक दखलंदाजी के मामलों को लेकर भी अफसर अपने पसंद के लोगों के आने की उम्मीद पाले हुए हैं। बताया जा रहा है कि शासन के आला अफसर अपनी बेसब्री को कम करने के लिए लगातार जिलास्तरीय अधिकारियों से फीडबैक मांग रहे हैं और बाकायदा उसका मिलान राजनीतिक कार्यकर्ताओं व करीबी पत्रकारों से बात करके कर रहे हैं।
माना जाता है कि ब्यूरोक्रेसी परिणाम से काफी पहले ही चुनाव के असली परिणामों को समझ लेती है। ब्यूरोक्रेसी को जैसे ही परिणामों का अंदाज हो जाता है वह उसी के अनुरूप ब्यवहार भी करने लगती है। उदाहरण के तौर पर यदि उसे यह लग जाए कि भाजपा सत्ता में रिपीट हो रही है तो वह भाजपा के नेताओं को महत्व देने और बड़ा नेताओं के साथ सम्पर्क साधने में जुट जाएगी, लेकिन यदि उसे लगा कि कांग्रेस सत्ता में वापसी कर रही है तो यकायक उसका व्यवहार बदल जाएगा और वह कांग्रेस के नेताओं के साथ समन्वय बनाने में जुट जाएगी।
बहरहाल शासन में बैठे आला दर्जे के अफसरों ने चुनावों के भावी नतीजों की टोह लेनी शुरू कर दी है। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में अफसर किसके सुर में नाच शुरू करते हैंं।