पंजाब के चुनावी माहौल में राजनीतिक तापमान चढ़ा

राजनीतिक पार्टियों का प्रचार प्रसार हुआ तेज, केजरीवाल की पत्नी और बेटी ने मांगा वोट

चंडीगढ़ । पंजाब के चुनावी माहौल में राजनीतिक तापमान चढ़ा हुआ है । राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेता चुनावी समर में बड़ी जोर शोर के साथ प्रचार प्रसार कर रहे हैं। राजनीतिक पार्टियों के कई बड़े नेता को प्रचार से राज्य में चुनावी गति तेज हो गई है।

पंजाब में होगी दिग्गजों की चुनावी सभा

14 फरवरी को पंजाब में पीएम मोदी की आने की संभावना है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई केन्द्रीय मंत्रियों के प्रचार के लिये आने वाले है। इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित कई कांग्रेसी नेता भी अपने उम्मीदवारों के समर्थन में उतरने से चुनावी समां बांधने लगा है।

केजरीवाल की पत्नी और बेटी ने किया प्रचार

केजरीवाल की पत्नी और बेटी ने धूरी क्षेत्र में आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान के पक्ष में कल प्रचार किया और दिल्ली सरकार के कामों का हवाला देकर वोट मांगे। उन्होंने कहा कि धूरी के लोग ऐसे व्यक्ति को विधायक चुनने जा रहे हैं जो पंजाब का मुख्यमंत्री चेहरा है।

मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एवं अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल अपने उम्मीदवारों के लिये प्रचार में जुटे हैं। उनका साथ उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल दे रही हैं। उनके पिता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल सबसे उम्रदराज उम्मीदवार हैं तथा 94 साल के होने के बावजूद पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है। पूर्व मुख्यमंत्री अपना प्रचार खुद ही कर रहे हैं। लंबी विधानसभा क्षेत्र का हालांकि वो लंबे समय से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं तथा लोगों पर पूरा भरोसा है कि लोग उनके लंबे राजनीतिक कैरियर को देखते हुये उनकी नैया पार लगायेंगे। उनकी बहू हरसिमरत कौर बादल भी उनके लिये प्रचार करती देखी गईं। इस बार के चुनाव में अधिकतर उम्मीदवारों की मां बेटियां-बेटे और पत्नियां चुनाव प्रचार में सक्रिय हैं।

बादल का बेटा-बेटी, मुख्यमंत्री चरनजीत चन्नी का बेटा तथा अन्य परिजन, कांर्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ,उनकी बेटी तथा अन्य संबंधी, आप पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरा भगवंत मान की माता तथा उनकी बहन भी प्रचार कर रही है। भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार एवं पटियाला शहरी से उम्मीदवार एवं पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने उम्मीदवारों के लिये वोट मांग रहे हैं तथा उनके लिये उनकी बेटी प्रचार में जुटी हैं। इस बार देखने वाली बात है कि कैप्टन सिंह का करिश्मा कितना कारगर होता है क्योंकि पिछले चुनावों में कैप्टन सिंह कांग्रेस का मुख्य चेहरा थे तथा पिछली बार उनकी अगुवाई में बहुमत के साथ कांग्रेस सत्ता में लौटी थी लेकिन अगले चुनाव के ऐन मौके पर उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया जिसके विरोध में उन्होंने कांग्रेस को ही छोड़ दिया ।

अब कांग्रेस चन्नी और सिद्धू की अगुवाई में फिर वापसी करती है या नहीं यह तो 10 मार्च को ही पता चलेगा । चन्नी, मान, कैप्टन सिंह,  बादल और भाजपा नेता अपने उम्मीदवारों के लिये जोरों से प्रचार में जुटे हैं। हर पार्टी अपनी-अपनी वापसी का दावा ठोंक रही है तथा लोगों से अपने कामों की दुहाई देकर वोटों की अपील कर रही है। राज्य के 117 विधानसभा क्षेत्रों में से अधिकांश पर परंपरागत मुकाबला अकाली दल तथा कांग्रेस के बीच न होकर चौतरफा बना हुआ है। कुछ सीटों पर आप तथा कांग्रेस तो कहीं आप -भाजपा , आप- अकाली दल और अकाली दल कांर्ग्रेस के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही है।

बसपा का हालांकि इस बार अकाली दल से गठजोड़ है। इसके अलावा किसानों का संयुक्त समाज मोर्चा भी एक साल तक दिल्ली बार्डर पर आंदोलन फतेह करने के बाद चुनावी अखाड़े में आ कूदा लेकिन उसके पास पापुलर चेहरे न होने के कारण उसे जीतने में कठिनाई तो होगी लेकिन वो अन्य दलों का गणित बिगाड़ सकता है।

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