अवैध खनन : कांग्रेस ने सीएम धामी पर लगाया सीधा आरोप

युवा बेहाल, खनन माफिया मालामाल के स्लोगन के साथ सरकार को घेरा

देहरादून। कांग्रेस ने खनन को लेकर आज राज्य सरकार ही नहीं सीधे सीएम पुष्कर सिंह धामी व काबीना मंत्री यतीश्वरानंद पर आरोप लगाया है।

कांग्रेस प्रभारी देवेन्द्र यादव व राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने युवा बेहाल खनन माफिया मालामाल के स्लोगन के साथ कांग्रेस भवन में पिछले पांच सालों के खनन से मिले राजस्व के आंकड़ा के आधार पर सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश में अवैध खनन को सरकार की शह मिलने से सरकारी खजाने को चूना लगाया जा रहा है।
कांग्रेस नेताओें ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में कोई भी ऐसा वर्ष नहीं रहा, जब सरकार खनन से तय राजस्व लक्ष्य तक पहुंची हो।

उन्होंने कहा कि वर्तमान वर्ष तो ऐसा जब खनन से सरकारी खजाने में बहुत कम राशि आयी और यह इसलिए हुआ कि अवैध खनन का पैसा ऊपर तक जा रहा है। जब पत्रकारों ने यह पूछा कि क्या उनकी उंगली सीएम धामी की तरफ इशारा तो नहीं कर रही है, तो प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने कहा कि सिर्फ उंगली नहीं पूरे हाथ से कर रहे हैैं।

उन्होंने सीधे आरोप लगाया कि सरकार अपने खनन राजस्व के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाई इसका एक मात्र कारण, मुख्यमंत्री के संरक्षण में अवैध खनन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने समतलीकरण के नाम पर बिना टेंडर के खनन पट्टों का आवंटन कर दिया। 2021 की जिस खनन नीति के तहत समतलीकरण के नाम पर प्राइवेट लोगों को बिना टेंडर खनन के पट्टे आवंटित कर दिए गए। उसे हाइकोर्ट ने भी असंवैधानिक माना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की अनुमति भी नहीं ली। कांग्रेस नेताओं ने सीएम के पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट की पुनर्नियुक्ति का हवाला देते हुए कहा कि आचार संहिता लगने से कुछ दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री ने अपने जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट को फिर से बहाल कर दिया। जबकि नंदन सिंह बिष्ट को बागेश्वर में खनन सामग्री के साथ पकड़े गए डंपर को छोड़ने के लिए पुलिस प्रशासन को पत्र लिखने के बाद हटाया गया था।

उन्होंने सवाल किया कि क्या पीआरओ की बहाली अवैध खनन की ओर इशारा नहीं कर रही। कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद को भी निशाने पर लेते हुए कहा है कि कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद पर तो उन्हीं की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अवैध खनन का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेताओं ने खनन से जोड़ते हुए एक बात और कही।

उन्होंने कहा कि लोहाघाट के एसडीएम ने जब खनन माफिया की नकेल कसी तो मुख्यमंत्री के साथ ही भाजपा की खनन लॉबी को परेशानी होगी। इसके बाद एसडीएम को रातों रात हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि लोहाघाट के लोगों ने एसडीएम को हटाने का विरोध किया तथा एसडीएम को जनहित में काम करने वाला अधिकारी बताया था, लेकिन तबादला नहीं रुका।

उन्होंने कहा कि खनन राज्य के राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है। कांग्रेस सरकार बनाते ही 1 मार्च से अवैध खनन को पूरी तरह बंद करवाएगी और खनन से मिलने वाला सारा धन सरकारी खजाने में जाएगा, जिसको गैस की सब्सिडी देने और नौकरियां देने में खर्च किया जाएगा।
खनन राजस्व की लक्ष्य प्राप्ति क्यों नहीं

वर्ष राजस्व लक्ष्यप्राप्त राजस्व
2017—18  620  437
2018—19  750   451
2019—20  750   391
2020—21  750   506
2021—22  750   178 (अक्टूबर 2021 तक)

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