आखिरकार पांच दिन बाद कांग्रेस के हो गये हरक

18 मार्च 2016 को विधानसभा कांग्रेस के खिलाफ की थी बगावत

  • रकाबगंज के वार रूम में उत्तराखंड की जिम्मेदारी संभाल रहे नेताओं पहनाया फटका
  • उत्तराखंड के कांग्रेसियों के विरोध के चलते केंद्रीय नेताओं ने कार्यक्रम से बनाये रखी दूरी 
देहरादून। आखिरकार गत रविवार को भाजपा से निष्कासित होने के बाद उत्तराखंड के वरिष्ठ राजनेता हरक सिंह रावत को नया ठौर मिल ही गया है। काफी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार दोपहर बाद उनके लिए दरवाजे खोल दिये।
रकाबगंज स्थित कांग्रेस के वार रूप में उत्तराखंड कांग्रेस की जिम्मेदारियां संभाल रहे वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें और उनकी पुत्रवधू को कांग्रेस का फटका पहनाकर सदस्यता दिलायी।
छह साल पहले कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में गए हरक सिंह को अंतत: कांग्रेस ने फिर अपना लिया। पूर्व मंत्री हरक सिंह शुक्रवार दोपहर बाद 3:15 पर रकाबगंज स्थित वार रूम में गए। हरक सिंह के फिर से भाजपा मेें जाने की अटकलों के बीच कांग्रेस नेतृत्व ने हरक को पार्टी में वापस लेने के लिए हरी झंडी दे दी।
इसके बाद हरक सिंह व उनकी पुत्रबधू को पार्टी में शामिल करने का अंतिम फैसला किया गया। रकाबगंज स्थित वार रूम में उस वक्त उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, प्रभारी देवेन्द्र यादव, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत व स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अविनाश पांडे के साथ सह प्रभारीगण भी थे।
बहुत संक्षिप्त कार्यक्रम में हरक सिंह को पार्टी की सदस्यता देते हुए उन्हें और उनकी पुत्रबधू को अनुकृति गुसाईं को कांग्रेस का फटका पहनाया गया।
उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार को हरक सिंह भाजपा के एक अन्य विधायक के साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के घर पर पहुंचे हुए थे। इसके बाद अगले दिन सोमवार को सोनिया गांधी की मौजूदगी में उन्हें कांग्रेस ज्वाइन कराना तय हुआ। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी को यह खबर लग गयी।
आनन-फानन में पहले हरक सिंह को पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया गय और उसके बाद उन्हें भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से भी छह साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
इस खबर के तुरंत बाद पूर्व सीएम व वरिष्ठ कांग्रेस नेता की एक टिप्पणी की हरक का पार्टी में जाना कार्यकर्ताओं की भावनाओं को अपमान होगा, कांग्रेस आलाकमान सकते में आ गया। इसके बाद हरक सिंह कांग्रेस में वापसी पर ब्रेक लग गये। यही नहीं हरीश रावत के बाद बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेताओं ने हरक सिंह की वापसी को पार्टी के लिए घातक तक बता डाला।
बहरहाल शुक्रवार को इन अटकलों के बीच कि कांग्रेस में जाने के इंतजार में बैठे हरक सिंह को भाजपा के नेता भी वापस लेने के लिए जुट गये हैं। हरक की वापसी के मिशन में जहां महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के साथ राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के नाम की चर्चा भी थी, लेकिन भाजपा के साथ कोई खिचड़ी पक पाती, इससे पहले ही कांग्रेस आलाकमान ने हरक सिंह को पार्टी में ले लेने की हरी झंडी दे दी।

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