निर्वाचन आयोग का डंडा, शिक्षा विभाग के सभी कार्मिकों की वापसी के आदेश

देहरादून। शिक्षा विभाग में हुए ट्रांसफर पोस्टिंग के बड़े खेल पर विपक्ष के तेवरों ने पानी फेर दिया है। विपक्ष की मांग पर निर्वाचन आयोग की भृकुटि तनी तो शासन के अफसरों ने खुद को इस जंजाल से दूर रखने में ही बेहतरीन समझी। पूरे प्रकरण के बाद शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने 7 जनवरी को जारी आठ स्थानान्तरण आदेशों का अनुपालन न करने का आदेश दिया है। जिस किसी ने ज्वाइन भी कर लिया हो तो उसे वापस पुराने तैनाती स्थल पर भेजने का फरमान जारी हुआ है।
सुंदरम ने महानिदेशक शिक्षा को आज जारी आदेश में कहा है कि यदि किसी कार्मिक या शिक्षक ने इन आदेशों के बाद नवीन तैनाती स्थल पर ज्वाइन भी कर लिया है तो उनकी ज्वाइनिंग को निरस्त करते हुए तत्काल वापस पूर्व तैनाती स्थल पर नियुक्त किया जाए। सचिव शिक्षा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत 7 जनवरी को जारी शासनादेश संख्या-8७, 9, 9१, 9२, 9४ व बेसिक शिक्षा में 7 जनवरी को जारी शासनादेश संख्या- 78, 79, 8 का संज्ञान लें।
इन आदेशों के माध्यम से शिक्षकों व कार्मिकों के स्थानान्तरण के लिए महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को अनुमति प्रदान की गयी थी। उन्होंने कहा है कि इस सम्बन्ध में महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा द्वारा अवगत कराया गया है कि उक्त शासनादेशों के क्रम में अग्रेत्तर कोई आदेश निर्गत नहीं किया गया है, लेकिन साथ ही यह भी आदेश दिया गया है कि 8 जनवरी को अपराह्न 3:३0 बजे से राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गयी है।
इसलिए इस सम्बन्ध में यह निर्देशित किया जाता है कि प्रश्नगत प्रकरण में महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा द्वारा कोई आदेश निर्गत न होने एवं राज्य में प्रभावी आदर्श आचार संहिता के दृष्टिगत उपरोक्त  वर्णित आदेशों के क्रम में किसी भी कार्मिक के कार्यमुक्ति एवं कार्यभार कोई कार्यवाही न की जाय।
यही नहीं आदेश में यह भी कहा गया है कि इस मध्य यदि किसी कार्मिक द्वारा स्थानान्तरित स्थल से कार्यमुक्त होकर नवीन स्थल पर कार्यभार ग्रहण कर भी लिया गया हो तो उसे निष्प्रभावी करते हुए उन्हें उनकी मूल तैनाती स्थल (स्थानान्तरण से पूर्व विद्यालय) पर ही अग्रेत्तर आदेशों तक बनाये रखना सुनिश्ति किया जाता है।
इस आदेश का सख्ती के साथ पालन करने को कहा गया है। सचिव के आदेश के तुरंत बाद महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी ने शिक्षा निदेशक प्राथमिक व माध्यमिक को इसके लिए आदेश जारी कर दिया है कि उक्त शासनादेशों के तहत स्थानान्तरित सभी कार्मिकों पुराने तैनाती स्थलों पर ही रखा जाए।

आठ सौ से अधिक कार्मिकों को मिली थी रातों-रात मनचाही पोस्टिंग

 ट्रांसफर सत्र शून्य होने के बाद भी शिक्षा विभाग में इस बार अंतिम समय में सैकड़ों ट्रांसफर कर दिये गये। आचार संहिता से एक दिन पहले की तारीख में आठ शासनादेशों में करीब आठ सौ से अधिक शिक्षक व अन्य कार्मिकों को उनकी मनचाही पोस्टिंग दे दी गयी। धारा 27 के तहत स्थानांतरित हुए 260 शिक्षकों के अतिरिक्त सात जनवरी को हुए तबादलों को बैकडेट में होने की जानकारी सामने आयी। चर्चा इस बात की भी थी कि इन तबादलों में बहुत बड़ा खेल हुआ।
इन आदेशों का जहां शिक्षक संगठनों ने भी विरोध किया वहीं विपक्ष भी सरकार पर हमलावर हुआ। हरीश रावत ने जब ट्रांसफर से संबंधित पत्रावलियों की कम्प्यूटर जनरेटेड हिस्ट्री खंगालने की मांग निर्वाचन आयोग से की तो शासन के अफसरों के हाथ-पैर फूल गये। इसकी परिणति आज स्थानान्तरित किये गये सभी कार्मिकों को वापस भेजने के आदेश के रूप में हुई। विभाग में ट्रांफसर के खेल का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि स्थानान्तरित किये गये 19 अधिकारियों में से 17 का बाद में संशोधन कर दिया गया।

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