सीडीएस को 11 दिसंबर को आना था आईएमए

देहरादून । तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकाप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
जनरल बिपिन रावत की आकस्मिक मौत होने की खबर से दून स्थित भारतीय सैन्य
अकादमी (आईएमए) प्रबंधन भी स्तब्ध है। आईएमए में आगामी 11 दिसंबर को पासिंग आउट परेड होनी है।
इस बार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ सीडीएस बिपिन रावत भी अकादमी में होने वाली परेड में शिरकत करने पहुंच रहे थे।
भारत-पाक के बीच वर्ष 1971 में हुए युद्ध में भारतीय सश सेनाओं की जीत के पचास साल पूरे होने (स्वर्णिम विजय वर्ष) के उपलक्ष में आयोजित होने वाली परेड की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। लेकिन इस बीच बुधवार दोपहर को सीडीएस जनरल रावत की मौत की अनहोनी की खबर आने से अकादमी प्रबंधन भी सन्न रह गया।
बतौर सेना प्रमुख जनरल रावत इससे पहले 1 जून 2017 को आयोजित हुए पासिंग आउट परेड में बतौर निरीक्षण अधिकारी पहुंचे थे। तब अकादमी से भारतीय थलसेना को 423 और मित्र देशों को 67 युवा सैन्य अधिकारी मिले थे।
जनरल रावत ने अपने दस मिनट के संबोधन में इन युवा अफसरों को देश रक्षा का गुरुमंत्र दिया था। पीओपी के बाद मीडियाकर्मियों से भी उन्होंने खुलकर बात की थी। बताया था कि भारतीय सेना में किस तरह महिलाओं को ‘लड़ाकू’ की भूमिका में तैनात करने का खाका तैयार किया जा रहा है। यह जनरल रावत की ही पहल रही कि अब थलसेना में भी महिला को जनरल ड्यूटी में भर्ती किया जा रहा है। पहले चरण में महिला को सेना पुलिस में तैनाती दी जा रही है।

कमांडेंट परेड रद्द, पीओपी पर असमंजस

 हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत होने से आईएमए में आगामी 11 दिसंबर को आयोजित होने वाली पासिंग आउट परेड को लेकर भी असमंजस की स्थिति सामने आ खड़ी हुई है।
मुख्य परेड से पहले बृहस्पतिवार को आयोजित होने वाली कमांडेंट परेड (अंतिम रिहर्सल परेड) को अकादमी प्रबंधन ने रद्द कर दिया है। अकादमी की जनसंपर्क अधिकारी कर्नल हिमानी पंत ने इसकी पुष्टि की है। बताया कि पीओंपी के संर्दभ में अग्रिम निर्णय तमाम बिंदुओं पर विचार-विमर्श व आर्मी हेडक्वाटर से मिलने वाले निर्देश पर बृहस्पतिवार दोपहर बाद लिया जाएगा। बता दें कि इससे पहले गत दिवस अकादमी में डिप्टी कमांडेंट परेड आयोजित हुई थी और बुधवार सुबह को प्री-प्रीओपी अवार्ड सेरेमनी हुई।

बीती नौ नवंबर को आए थे देहरादून

सीडीएस जनरल बिपिन रावत राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर बीती नौ नवंबर को देहरादून आए थे। उत्तराखंड का यह उनका अंतिम दौरा साबित हुआ। अपने व्यस्त शेड्यूल में से कुछ समय निकालकर उन्होंने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित स्वल्पाहार कार्यक्रम में शिरकत की थी।
तब उन्होंने कहा था कि हमें पता है कि हमारी सरहद कहां तक है। हमने किसी भी देश को अपनी सरहद के अंदर अतिक्रमण नहीं करने दिया है। साथ ही यह भी कहा था कि उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इससे रोजगार के कई अवसर पैदा हो सकते हैं। यहां पर पर्यटन सेक्टर को और मजबूत करने की जरूरत है।

Leave a Reply