लखनऊ। तीन दिवसीय 56वें पुलिस महानिदेशक एवं महानिरीक्षक सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ड्रोन तकनीक का उपयोग लोगों के लाभ के लिए किया जाना चाहिए।
मोदी ने 2014 में लागू किए गए स्मार्ट पुलिसिंग की नियमित समीक्षा की जरूरत पर बल देते हुये उसमें लगातार बदलाव लाने और उसे संस्थागत करने को कहा। पुलिस की रोज़मर्रा की समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवाओं को जोड़ने के लिए कहा ताकि हैकाथॉन के माध्यम से तकनीकी समाधान ढूँढे जा सकें।
प्रधानमंत्री ने सभी पुलिस संबंधित घटनाओं के विश्लेषण तथा सीखने की इस प्रक्रिया को संस्थागत करने पर बल दिया। उन्होने सम्मेलन को हाइब्रिड प्रारूप में करवाने की भरपूर प्रशंसा की और कहा कि इससे विभिन्न स्तर के अधिकारियों के बीच सूचनाओं का प्रवाह सुगम हुआ है।
उन्होने गृह मंत्री के नेतृत्व में एक ‘उच्च स्तरीय पुलिस तकनीक मिशन’ गठित करने के लिए कहा ताकि भविष्य की तकनीकों को जमीनी स्तर की पुलिस आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला जा सके।
सामान्य लोगों के जीवन में तकनीक के महत्व को रेखांकित करने के लिए प्रधानमंत्री ने कोविन,जेम और यूपीआई के उदाहरण दिए। उन्होने कोविड महामारी के बाद पुलिस के व्यवहार में जनता के प्रति आए सकारात्मक बदलाव की प्रशंसा की। सम्मेलन में विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों तथा सीएपीएफ/सीपीओ के 62 महानिदेशक/महानिरीक्षक लखनऊ में शामिल हुए।
इसके अतिरिक्त, विभिन्न वरिष्ठता के 400 से अधिक अधिकारियों ने देश भर में मौजूद आसूचना ब्यूरो कार्यालयों से वर्चुअल तौर पर इसमें भाग लिया। प्रधानमंत्री ने सम्मेलन के दौरान इन चर्चाओं में भाग लिया तथा अपने अमूल्य सुझाव दिए।