देश में एक भी किसान ऐसा नहीं है जो कर्ज में डूबा हुआ नहीं है : प्रियंका

लखनऊ। प्रियंका गांधी ने पत्रकारों से कहा कि सरकार ने कृषि कानून पर गलत फैसला  किया था जिसे देर से ही सही मगर वापस लेने को मजबूर होना पडा। मोदी आज भी किसानो पर फर्क कर रहे है कि जो किसान आंदोलन कर रहे है, वे अलग है और बाकी अलग है। ये गलत है। देश का किसान एक है। देश में एक भी किसान ऐसा  नहीं है जो प्रताड़ति नहीं है और कर्ज में डूबा हुआ नहीं है।

खाद की लाइन में किसान दम तोड रहे है। डीजल पेट्रोल महंगा होने का प्रभाव उनकी उपज पर पड़ रहा है। उन्होने कहा कि आज से पहले तक भाजपा सरकार और उनके नेता किसानो को आंदोलनजीवी,आंतकवादी और देशद्रोही कह कर उनका अपमान करते थे।

सरकार के इशारे पर पुलिस किसानो पर लाठियां बरसाती थी। इस आंदोलन में

600-700 किसान शहीद हो गये। लखीमपुर खीरी में मंत्री के बेटे ने किसानो की कुचल कर हत्या कर दी मगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी न कभी आंदोलन कर रहे किसानो से मिलने दिल्ली बार्डर तक गये और लखनऊ में अपने दौरे के बावजूद लखीमपुर खीरी तक जाना गंवारा नहीं समझा और न ही आरोपी मंत्री के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया।

उन्होने कहा, आज अचानक क्या हो गया कि प्रधानमंत्री ने माफी मांग कर कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया। पूरे देश की जनता जान चुकी है कि चुनाव में हार के डर से सरकार को यह फैसला लेना पड़ा।

सरकार समझ चुकी है कि किसान से बड़ा देश में कोई नहीं है। मेरे भाई ने एक साल पहले ही कह दिया था कि किसानों की शक्ति सबसे बड़ी है और इसके आगे सरकार को झुकना ही पड़ेगा। इस देश को किसान ने बनाया है। यह किसानो का देश है।

प्रियंका ने कहा कि सरकार को पता चल गया है कि चुनाव के समय उनके लिये परिस्थितियां अनुकूल नहीं है, इसलिय चुनाव से पहले माफी मांगने आ गये है। यह किसानो की जीत है और किसी भी राजनीतिक दल को इसका श्रेय नहीं लेना चाहिये। यह किसान का आंदोलन है और इस जीत का पूरा हक किसान को मिलना चाहिये। हम पहले भी किसानो का समर्थन करते थे और आगे भी करते रहेंगे।

किसान आंदोलन के जारी रहने के सवाल पर उन्होने कहा कि सरकार की नीयत पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

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