सृजन घोटाला: ईडी ने की कार्रवाई, जयश्री ठाकुर की 6.85 करोड़ की संपत्ति जब्त

पटना । सृजन घोटाला बिहार के सबसे चर्चित घोटालों में से एक है। आज ईडी ने सीजन घोटाले के आरोपी जयश्री ठाकुर की 6 करोड़ 85 लाख की संपत्ति जप्त कर ली। आपको बता दें कि जयश्री भागलपुर के तत्कालीन डीएम थे। सृजन घोटाले में लगातार कई बड़े अधिकारियों पर ईडी ने कार्रवाई की है।

जयश्री ठाकुर के अलावा उनके पति राजेश चौधरी, बेटा ऋषिकेश चौधरी और बेटी राजश्री चौधरी के नाम से मौजूद चल और अचल संपत्तियां शामिल हैं। अचल संपत्तियों की सरकारी मूल्य छह करोड़ 85 लाख से ज्यादा है, लेकिन इनका बाजार मूल्य इससे कहीं ज्यादा है. यह दूसरा मौका है, जब जयश्री ठाकुर की अवैध संपत्ति को ईडी ने जब्त किया है।

इससे पहले भी उनके नाम पर मौजूद करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये कीअवैध संपत्ति को जब्त किया गया था। परंतु इस बार उनके साथ-साथ पति और बच्चों के नाम से भी मौजूद सभी अवैध संपत्तियों को जब्त किया गया है। जिन अचल संपत्तियों को जब्त किया गया है, उसमें भागलपुर और बांका जिले में मौजूदजमीनके 10 प्लॉट के अलावा भागलपुर, गाजियाबाद और पटना के जलालपुर सिटी में मौजूदकुल तीन फ्लैट शामिल हैं।

पटना वाला फ्लैट जयश्री ठाकुर और उनके पति राजेश चौधरी के संयुक्त नाम से है। जांच में पता चला कि इस फ्लैट की कीमत करीब 72 लाख रुपये है और इसे सृजन के पैसे से ही खरीदी थी। चल संपत्ति के तौर पर उनके स्वयं और परिवार वालों के नाम पर करीब 45 बैंक खाते मिले हैं। इन खातों को मिलाकर करीब पांच करोड़ पांच लाख से ज्यादा रुपये जमा हैं। इन्हें भी जब्त कर लिया गया है. उनके और परिवार वालों के नाम पर करीब साढ़े 26 लाख रुपये की एक दर्जन के आसपास इंश्योरेंस पॉलिसी के कागजात भी बरामद किये गये हैं. अगर उनकी जब्त की गयी चल और अचल संपत्ति को मिला दिया जाये, तो यह करीब सवा 12 करोड़ रुपये होता है।

जयश्री ठाकुर पर ईडी ने पीएमएलए के तहत कार्रवाई की है. इससे पहले राज्य सरकार की एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने भी जुलाई 2013 में उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए)केतहत मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई की थी। उन पर 13 करोड़ 98 लाख 38 हजार से ज्यादा का डीए केस दर्ज किया गया था। इसके बाद सीबीआइ की सृजन घोटाले की जांच में भी उन्हें दोषी पाया गया और उनकी काली कमाई का बड़ा स्रोत सृजन घोटाला भी था। भागलपुर में एडीएम रहने के दौरान उन्होंने अपने और परिवार वालों के नाम परसृजनके पैसे से जमीनके कई ऐसेप्लॉट भी खरीदे थे, जिसके पास से हाई-वे गुजरने वाला था। जब एनएच बना, तो इन जमीनों को अधिक दाम पर बेच कर मोटी कमाई की और इन पैसों को अन्य स्थानों पर निवेश किया।

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