मेघालय के राज्यपाल महामहिम सत्यपाल मलिक अपने बेबाक बयानों को लेकर इन दिनों जबरदस्त चर्चाओं में हैं ! उनके इन बयानों से केंद्र सरकार के सामने मुसीबत खड़ी हो रही है वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं ?
महामहिम सत्यपाल मलिक के किसान आंदोलन पर बोलने के बाद ईडी-इनकम टैक्स छापों वाला बयान सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया है हर तरफ इसकी चर्चा जोरों पर है !
वही झुंझुनू में उनके बयानों ने मानो तूफान खड़ा कर दिया है ! अब देखना यह होगा कि सरकार उनके इस बयान को लेकर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करती है या फिर उन्हें रिटायर्ड कर दिया जाता है ?
परंतु इतना तो तय है उनकी ऊपर उठने वाला हर एक कदम सियासी हलकों में बवंडर पैदा कर देगा ,जिसका विपक्षी सियासी दल भरपूर फायदा उठाएंगे।
मलिक 17 अक्टूबर को झुंझुनू में एक सम्मान समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए अंबानी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक पदाधिकारी के इन्वॉल्वमेंट वाली दो डील कैंसिल करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि दोनों डील के एवज में उन्हें 150-150 करोड़ रुपए देने की पेशकश की गई थी।
मलिक ने कहा- मेरे कश्मीर में जाने के बाद दो फाइलें सामने आईं। एक में अंबानी इंवॉल्व थे। एक में संघ के बड़े पदाधिकारी थे। एक महबूबा सरकार के मंत्री थे, जो खुद को प्रधानमंत्री के नजदीक बताते थे। मुझे दोनों विभागों के सेक्रेटरी ने बताया कि इसमें घपला है। मैंने दोनों डील कैंसिल कर दी।
उन्होंने कहा- मुझे सेक्रेटीज ने यह भी बताया कि इन दोनों डील में 150-150 करोड़ रुपए आपको मिल सकता है।
मैंने उन्हें कहा कि मैं तो 5 कुर्ते-पाजामे लेकर आया हूं, ऐसे ही चला जाउंगा। मैंने उस वक्त प्रधानमंत्री से मिलने का वक्त लिया और उनसे मिलने गया।
मलिक ने कहा- मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि आप बताइए इनमें क्या करना है? अगर डील कैंसिल नहीं करना है तो मैं छोड़ देता हूं, मेरी जगह दूसरे को लगा दो, लेकिन मैं तो यह होने नहीं दूंगा। उन्होंने कहा कि नहीं करप्शन में कोई कॉम्प्रोमाइज करने की जरूरत नहीं है।
कश्मीर इतना करप्ट स्टेट है कि बाकी जगह 5% होगा तो कश्मीर में 15% कमीशन मांगा जाता है, लेकिन उस स्टेट में इतनी दहशत हो गई कि मेरे रहते कोई करप्शन नहीं हुआ।हालांकि, मलिक ने इन दोनों फाइलों के बारे में विस्तार से नहीं बताया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सत्यपाल मलिक सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और पत्रकारों के लिए लाए गए ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी एक फाइल का जिक्र कर रहे थे। इसमें अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी शामिल थी।
अक्टूबर 2018 में जब सत्यपाल मलिक जम्मू और कश्मीर के गवर्नर थे, तब उन्होंने कुछ गड़बड़ी के अंदेशे को देखते हुए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ यह डील कैंसिल कर दी थी।
दो दिन बाद गवर्नर ने एंटी-करप्शन ब्यूरो को इस डील की जानकारी देते हुए कहा था कि वो इस कॉन्ट्रैक्ट की तह तक जांच-पड़ताल करे कि क्या इसमें किसी तरह का भ्रष्टाचार हुआ है?मलिक ने कहा- मैंने कश्मीर से लौटने के बाद किसानों के लिए बेधड़क बोला।
अगर मैं कश्मीर में कुछ कर लेता तो आज से पहले मेरे घर ईडी पहुंच जाती। इनकम टैक्स वाले पहुंच जाते। आज मैं सीना ठोक कर कह सकता हूं, प्रधानमंत्री के पास सारी संस्थाएं हैं, मेरी जांच करा लें, मैं इसी तरह बेधड़क रहूंगा।