देवस्थानम पर भाजपा में दो फाड़ महाराज बोले, बलूनी बड़े नेता !

देहरादून। देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार के भीतर जबरदस्त मतभेद सामने आए  हैं। 1 दिन पहले चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के प्रवक्ता बृजेश सती के इस  बयान पर कि राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने देवस्थानम बोर्ड भंग करने की बात  कही है, प्रदेश के धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कन्नी काट ली है।

महाराज से जब पत्रकारों ने इस संबंध में पूछा तो महाराज ने यह कह कर इस मामले में है चुप्पी साध ली है कि बलूनी बहुत बड़े नेता हैं ।अब जब वह बोल रहे हैं तो मैं क्या बोलूं।

उल्लेखनीय है कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर के भाजपा के भीतर 1 वर्ग लगातार मुहिम चलाए हुए हैं जबकि पार्टी का एक वर्ग है इसको सरकार का बहुत बड़ा सुधारात्मक फैसला मांगता है।

यही कारण है कि धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज से लेकर के देवस्थानम बोर्ड को लेकर गठित हाई पावर कमिटी के चेयरमैन मनोहरकांत ध्यानी ने भी देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की सभी तरह की आशंकाओं को पूरी तरह खारिज किया है।

जबकि इस मामले में चारधाम पुरोहित महापंचायत के कुछ पदाधिकारी भाजपा नेताओं के साथ ही विहिप और दूसरे हिंदू संगठनों के साथ मुलाकात करके लगातार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे हैं।

पुरोहितों की ओर से दबाव बनाए जाने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में पूर्व राज्यसभा सांसद और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है जो पुरोहितों की मांग को लेकर के सुनवाई करने के बाद सरकार को अपनी सिफारिश करेगी लेकिन बड़ी बात यह है कि पूर्व में बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष रह चुके मनोहर कांत ध्यानी ने कमेटी की अध्यक्षता मिलते ही सबसे पहले या साफ कर दिया था कि देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होगा और जो भी आपत्ति हो वह बताएं, उसका निराकरण सरकार करेगी। ध्यानी यह बात दो बार कह चुके हैं।

अब जबकि तीर्थ पुरोहित महापंचायत के प्रवक्ता डॉक्टर बृजेश सती ने वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की ओर कहा है कि सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को बंद करने का निर्णय ले लिया है लेकिन एक और बात यह भी है कि इस तरह का कोई भी बयान बलूनी की तरफ से न तो प्रिंट मीडिया में आया है और ना ही उनकी तरफ से अन्य समाचारों की तरह प्रेस नोट जारी किया गया है।

ऐसे में एक भी बड़े सवाल उठ गए हैं कि क्या बलूनी ने तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल को सही में यह कहा है कि बोर्ड भंग होगा या फिर तीर्थ पुरोहित अपनी मर्जी से इस तरह की बात कह रहे हैं।

क्योंकि सांसद बलूनी की ओर से लगातार से संवाद रखा जाता है और इतनी महत्वपूर्ण मसले पर उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया ना आना इस मामले में शक जाहिर करता है।

अभी तक इस संबंध में कोई भी अधिकृत बयान नहीं जारी किया गया है। सतपाल महाराज का यह बयान आने के बाद बलूनी बहुत बड़े नेता हैं इसलिए वह इस मामले में कुछ नहीं बोलेंगे यह दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी के भीतर ही देवस्थानम बोर्ड को लेकर के जबरदस्त टकराव की स्थिति बन गई है।

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