मसूरी। झूलाघर के सौंदर्यीकरण का कार्य पिछले सात साल से चल रहा है लेकिन यह अब तक पूरा नहीं हो पाया है। इस कारण वहां रोजगार करने वाले सौ लोग प्रभावित हुए है। उन पर रोजी रोटी का संकट गहराता जा रहा है। स्थानीय दुकानदार राजेश कुमार का कहना है कि सात वर्ष पूर्व झूला घर पर उसकी दुकान थी। पालिका ने सौंदर्यीकरण के नाम पर दुकान तोड़ दी व आज तक दुकान आवंटित नहीं की। इससे वह बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बार पालिका प्रशासन और मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को सूचित किया लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाई है। उनका कहना है कि झूलाघर पर जो दुकानें निर्मित की गई हैं उनका आवंटन नहीं हो पाया है। वहां निर्माण कार्य चल रहा है। वह सडक़ों पर दुकान लगाने के लिए मजबूर हैं। स्थानीय दुकानदार श्रीपति कंडारी का कहना है कि नगर पालिका परिषद ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को सौंदर्यीकरण के लिए झूला घर सौंपा था और उन्हें आश्वासन दिया गया था कि एक वर्ष के भीतर दुकानें बनाकर उन्हें दी जाएंगी। सात वर्ष बाद भी दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया है। पूर्व में उनकी दुकानें माल रोड से लगी होती थी। अब जो दुकानें बनाई गई है वह लगभग 15 फीट नीचे है। इससे उनका व्यापार प्रभावित होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि झूला घर पर झूलों का निर्माण कराया जाना चाहिए ताकि पर्यटकों को झूलाघर की सही जानकारी मिल सके। इस संबंध में पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला का कहना है कि झूलाघर के सौंदर्यीकरण को लेकर पालिका प्रशासन व मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने ठोस कार्य नहीं किया है। इससे प्रभावित लोगों के रोजी-रोटी पर संकट गहरा गया है। नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि एक वर्ष पूर्व मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने झूलाघर को नगर पालिका को सौंप दिया है। नगर पालिका परिषद इस पर शेष कार्य करा रही है। दो माह के भीतर निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा। इसके बाद दुकानें आवंटित कर दी जाएंगी।