रुद्रपुर। अफगान-इंडो संयुक्त फेलोशिप के तहत जीबी पंत षि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे अफगानिस्तान के चार छात्रों की डिग्रियां लगभग पूरी होने वाली है पर अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के चलते वे वतन नहीं लौटना चाहते, जबकि उनके पासपोर्ट और वीजा की तिथि भी समाप्ति की ओर है। ऐसे में विश्वविद्यालय व देश के लिए अफगानिस्तान के छात्र एक समस्या और जिम्मेदारी बनकर सामने आए हैं। छात्र तीन महीनों से अपने परिजनों से बातचीत भी नहीं कर पाए हैं, जिसकी वजह से वे उनकी कुशलता को लेकर भी चिंतित हैं।
विवि में अफगानी छात्र मुस्तफा सुल्तानी की एमएससी की डिग्री पूरी हो चुकी है। उन्हें विवि से सभी प्रमाणपत्र जारी हो चुके हैं और वह वतन लौटने के लिए जिला प्रशासन से नोड्यूज के लिए प्रयासरत हैं, पर इसी बीच अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे की खबर ने इन्हें परेशान कर दिया है। अब ताजा हालात में ये छात्र फिलहाल वहां जाना नहीं चाहते हैं। ऐसी ही स्थिति एमएससी के छात्र हजरत शाह अजीजी, पीएचडी छात्र हाशिमी की भी है। वहीं सेमेस्टर ब्रेक में अपने वतन गए एमएससी छात्र अब्दुल वहाब अफगानिस्तान में ही हैं, ऐसे में उनकी कुशलता को लेकर भी साथी छात्र ङ्क्षचतित हैं। इन छात्रों ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों के चलते अफगान सरकार से फेलोशिप प्राप्त करना मुश्किल होगा, जिससे उन्हें इंडिया में रहने सहित आॢथक तंगी का सामना करना पड़गा। उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में अस्थिरता के माहौल के चलते संचार व्यवस्था बहुत समय से वस्त है, जिसके चलते वे लोग तीन महीने से परिजनों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने विवि प्रशासन, जिला प्रशासन और भारत सरकार से उम्मीद जताई कि ने उनकी हरसंभव सहायता करेंगे।