नैनीताल: चमोली त्रासदी में लापता एवं मारे गये मजदूरों के बारे में एनटीपीसी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानकों के तहत सहायता राशि दी जा रही है। अभी तक 84 लापता एवं मृतकों को सहायता राशि दी जा चुकी है। अदालत ने केन्द्र सरकार को भी दो सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिये हैं।
अधिवक्ता एवं उत्तराखंड लोकवाहिनी के केन्द्रीय अध्यक्ष पीसी तिवाीरी की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में सुनवाई हुई। एनटीपीसी की ओर से यह भी कहा गया कि यह दुर्लभ घटना है जो सौ साल में एक बार घटित हुई है। आगे कहा गया कि आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं ऊर्जा मंत्रालय की ओर से प्रकरण के कारकों की जांच के लिये विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया गया है जो कि पूर्व चेतावनी प्रणाली की संभावना को भी तलाशेगी।
उल्लेखनीय है कि चमोली जनपद में विगत सात फरवरी को नंदाघुंघटी चोटी में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा एवं धौलीगंगा में भीषण बाढ़ आ गयी थी जिससे 204 लोगों की मौत हा गई थी या फिर लापता हो गये थे। याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले को चुनौती दी गयी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि मृतकों के परिवारों को अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की गयी है।
Is ghatna ki jimmedari lena jaroori hai sath hi nritakon ke parijaon ko muawaza milna chahiye.