भाजपा ने लिया ताबड़तोड़ बल्लेबाजी और घातक गेंदबाजी का फैसला

फिर मिल सकता है कई नेताओं को दायित्वधारियों का जिम्मा, चुनाव में मोदी ही मुख्य चेहरा

  • मिशन 2022: ढिकुली चिंतन शिविर का यही सार,सरकार और पार्टी कार्यकर्ताओं के द्वार जल्दी खुल सकता है रोजगार का पिटारा, विकास योजनाओं को लगेंगे सुर्खाब के पंख
हल्द्वानी। भाजपा ने मिशन 2022 फतह करने के लिए अभी से फ्रंटफुट पर बल्लेबाजी करने का फैसला किया है। तीन दिन के ढिकुली चितंन शिविर में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी और विरोधी को परास्त करने के लिए दनादन यार्कर गेंदबाजी का रोडमैप बना लिया है। नवंबर के बाद पीएम, गृह मंत्री समेत तमाम नेताओं की उत्तरराखंड में जनसंभाओं का दौर शुरू हो जाएगा।
इस अंतराल में सीएम तीरथ सिंह रावत कई लोकलुभावन घोषणाएं कर सकते हैं। सरकार जल्दी ही रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए रोजगार का पिटारा भी खोल सकती है। वन अधिनियम से अधर में पड़ी सडक़ समेत तमाम परियोजनाओ को जल्दी ही ग्रीन सिग्नल मिल सकता है।एक लाइन में टीम तीरथ एवं टीम कौशिक दोनों घातक बल्लेबाजी और गेंदबाजी से कांग्रेस और अन्य तमाम राजनीतिक दलों को संभलने का भी मौका नहीं देने वाली है। पार्टी ने विस चुनाव में पीएम मोदी के नाम पर ही वोट मांगने का लगभग फैसला कर लिया है। 
मंगलवार को चिंतन शिविर के समापन पर राज्य के एक बड़े नेता ने कहा कि अगला विस चुनाव जीतने के लिए रोडमैप तैयार हो गया है। शिविर में शामिल सभी नेताओं ने वोटों की बौछार के लिए उपयोगी योजनाओं और जनअपेक्षाओं में खरा उतरने के एक एक बिंदु पर बात की। पहले दो दिन संगठन स्तर पर काम करने का रोडमैप बनाया गया और इसको धरातल पर लागू करने के लिए सरकार से आने वाले दिनों में लोकलुभावन फैसले लेने को कहा गया।
इन फैसलों में बड़ा फैसला हजारों रिक्त पदों को तत्काल भरने का मामला भी शामिल है। भाजपा रणनीतिकारों को लगता है कि हजारों बेरोजगारों को रोजगार मिलने पर पार्टी को काफी लाभ मिल सकता है। रोजगार के साथ ही विकास पर भी रोडमैप तैयार किया गया है। करीब साढ़े चार साल में पार्टी कई बड़ी विकास परियोजनाओं को शुरू नहीं कर पायी है। कांग्रेस के दौर में स्वीकृत एवं निर्माणाधीन परियोजनाएं भी कई कारणों से अधर में लटकी हैं। इसमें अकेले हल्द्वानी में आइएसबीटी, इंटरनेशनल जू एवं इंटरनेशनल खेल मैदान शामिल हैं। शिविर में इस तरह की परियोजनाओं को फटाफट पूरा करने या काम शुरू करने का फैसला किया गया है।
पार्टी को भरोसा है कि राज्य में करीब पांच सौ से ज्यादा सडक़े वन अधिनियम या अन्य कारणों से अधर में लटकी हैं। इन सडक़ों को वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति दिलाने के लिए जिले के प्रभारी मंत्रियों को दायित्व दिया गया है। कांग्रेस और आप को घेरने के लिए पार्टी आने वाले दिनों में हमलावर दिख सकती है।
टीम कौशिक चौतरफा कांग्रेस पर हमला कर सकती है और दिल्ली सरकार की तमाम कमियों से आप को पनपने का मौका नहीं देना चाहती है। भाजपा उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में पार्टी बूथ स्तर पर पन्ना प्रमुखों को ज्यादा सक्रिय करने वाली है। पार्टी हार की कडिय़ों को एक साथ जोडक़र उनको समय रहते दूर करना चाहती है। राज्य सरकार की इमेज बिल्डिंग के लिए पार्टी को ज्यादा मीडिया फ्रेंडली बनाने का भी फैसला किया गया है। सोशल मीडिया टीम को ज्यादा ताकतवर और हमलावर बनाने पर भी मुहर लग गई है।
सूत्रों के अनुसार पार्टी 2017 का प्रदर्शन दोहराने के लिए राज्य के कमजोर विस सीटों पर ज्यादा ध्यान देने जा रही है। इसके लिए सरकार और संगठन एक साथ काम करेंगे। 2017 के संकल्प पत्र को पूरा करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण फैसले आ सकते हैं। इन सबसे हटकर कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए भी सरकार दायित्वधारियों की फौज की फिर तैनाती कर सकती है।
इसके लिए भी शिविर में कई नामों पर मंथन करने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि भाजपा के कई प्रमुख रणनीतिकार कार्यकर्ताओं में निराशा का भाव दूर करना चाहते हैं। इसके लिए सरकार स्तर पर कार्यकर्ताओं की प्रतिभा को यूज करने और उनसे जुड़ी जन अपेक्षाओं को पूरा करने के पक्ष में हैं। पार्टी को लगता है कि विस चुनाव में जाने से पहले कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने के लिए धमाकेदार गेंदबाजी और बल्लेबाजी का वक्त आ गया है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार पिछले साढ़े चार साल में कई बार कार्यकर्ताओं को नौकरशाही से उपेक्षा झेलनी पड़ी है। बताया जा रहा है कि नौकरशाही पर लगाम लगाने के लिए रणनीतिकार सीएम और सहयोगी मंत्रियों से कार्यकर्ताओं से ज्यादा से ज्यादा संपर्क चाहते हैं।
शिविर में शामिल अधिकतर नेताओं का सरकार के कामकाज का फीड बैक निचले स्तर के कार्यकर्ताओं ने लेने की राय पर सभी नेता एकमत दिखे। सूत्रों के अनुसार ढिकुली चिंतन शिविर का प्रभाव एक दो दिन में ही दिखने लगेगा। इसके लिए सीएम तीरथ सिंह रावत कुछ महत्वपूर्ण फैसले ले सकते हैं। इससे विकास योजनाओं को सुर्खाब के पंख लग सकते हैं और कार्यकर्ता दोगुने उत्साह से पार्टी के लिए काम कर सकते हैं।

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