नयी दिल्ली। कांग्रेस को भाजपा के व्यवहार्य सियासी विकल्प के तौर पर पेश करने का सुझाव देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस को संगठन के सभी स्तरों पर व्यापक बदलाव लाना चाहिए जिससे यह नजर आए कि वह जड़ता की स्थिति में नहीं है।
सिब्बल पिछले साल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी में व्यापक बदलाव के लिये पत्र लिखने वाले जी-23 नेताओं में शामिल थे। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर हाल में टाले गए सांगठनिक चुनाव जल्द ही कराए जाएंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने माना कि फिलहाल भाजपा का कोई मजबूत सियासी विकल्प नहीं है लेकिन कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शासन का नैतिक अधिकार खो दिया है और देश के मौजूदा रुख को देखते हुए कांग्रेस एक विकल्प पेश कर सकती है।
उन्होंने कहा कि चुनावों में हार की समीक्षा के लिये समितियां बनाना अच्छा है, लेकिन इन का तब तक कोई असर नहीं होगा जब तक उनके द्वारा सुझाए गए उपायों पर अमल नहीं किया जाता।
असम में आल इंडिया युनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट और पश्चिम बंगाल में इंडियन सेक्यूलर फ्रंट के साथ पार्टी के गठबंधन को सुविचारित नहीं बताते हुए सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस जनता को यह समझाने में विफल रही कि देश के लिये अल्पसंख्यक व बहुसंख्यक संप्रदायवाद समान रूप से खतरनाक है।उन्होंने हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिये इसे एक कारण के तौर पर रेखांकित किया।
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