रांची: उत्तराखंड में चमोली की नीती घाटी के सुमना में हुए हादसे में लापता एक और मजदूर का शव और बरामद हो गया है। अभी तक 15 शव बरामद किए जा चुके हैं। घटनास्थल पर अभी-भी रेस्क्यू अभियान जारी है। सेना की मानें, तो अभी भी 3 लोग लापता चल रहे हैं. वहीं, 384 लोगों का सकुशल रेस्क्यू किया जा चुका है।
दरअसल, 23 अप्रैल को नीती घाटी की चीन-तिब्बत सीमा पर सुमना में ग्लेशियर टूटा। इस हादसे में बीआरओ के दो कैंप पूरी तरह तबाह हो गए। घटनास्थल पर बीआरओ के लेबर कैंप में 402 लोग मौजूद थे। हादसे में अभी तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है।जबकि, अभी-भी 3 लोग लापता हैं। जिनकी तलाश के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के जवानों की ओर से रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है।
घटनास्थल चमोली भारत-चीन (तिब्बत) सीमा से लगा हुआ है। यहां सुमना में बीआरओ के कैंप के पास ग्लेशियर टूटकर मलारी-सुमना सड़क पर आ गया था. इसमें काफी जान-माल का नुकसान हुआ है। घटना के दूसरे दिन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने घटनास्थल का हवाई निरीक्षण कर हालात का जायजा लिया. बीते रोज भी 2 शव बरामद हुए थे।
सेना के जवानों को ये शव सर्चिंग के दौरान बर्फ के नीचे दबे मिले। इसके बाद शवों को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से जोशीमठ लाया गया।
हादसे में मारे गए 5 मजदूर खूंटी जिले के
इस हादसे में मारे गए 5 मजदूर खूंटी जिले के बलंकेल गांव के रहने वाले हैं। हादसे की सूचना सोमवार को गांव पहुंची, तो पांचों परिवार के साथ-साथ पूरे गांव में कोहराम मच गया। रनिया थाना के थानेदार गांव पहुंचे और परिजनों से मुलाकात कर कहा कि झारखंड सरकार चार्टर्ड प्लेन से सभी मृतक मजदूरों का शव लेकर आएगी। अब तक 15 मजदूरों के शव बरामद हो चुके हैं।
जरमुंडी प्रखंड के पहारीडीह गांव के 2 मजदूर की मौत उत्तराखंड के चमोली में हुए हादसे में हो गई है। इसकी सूचना सोमवार को गांव पहुंची, तो दोनों मजदूर के परिवार में विपदा का पहाड़ टूट पड़ा है। मजदूर की मौत की खबर मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इसके साथ ही कई मजदूर घायल और लापता हैं। परिजनों ने बताया कि स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं मिलने और गरीबी की वजह से कई युवक सीमा सड़क संगठन में कार्य करने फरवरी माह में उत्तराखंड गए थे। उधर, बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन से मिली जानकारी के अनुसार, उनकी टीम मौके पर पहुंच चुकी है और घटना में हताहत लोगों का डेटा तैयार किया जा रहा है।