नयी दिल्लीः देश में कोरोना की दूसरी लहर बेकाबृू होती जा रही है। कोरोना संक्रमितों में ऑक्सीजन की
कमी की समस्या सबसे अधिक देखी हो रही है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण कई कोरोना
पॉजिटिव रोगियों की मौत हो रही है। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज अपने सोने के पोजीशन में थोड़ा
बदलाव कर ऑक्सीजन की कमी को दूर कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को `प्रोनिंग’कहा जाता है और इसको
लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने इस संबंध में पोस्टर के माध्यम से विस्तार से
जानकारी दी है।
पेट के बल सोने के लिए सबसे पहले एक तकिया अपने गर्दन के नीचे रखें एक या दो तकिया छाती के नीचे
रख लें एवं 2 तकिया पैर के टखने के नीचे रखें। इस तरह से 30 मिनट से 2 घंटे तक सो सकते हैं। साथ ही
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया है कि होम आईसोलेशन में रह रहे
मरीजों की तापमान की जाँच, ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन के स्तर की जाँच, ब्लड प्रेसर एवं शुगर की
नियमित जाँच होनी चाहिए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए सोने की 4 पोजीशन को
महत्वपूर्ण बताया है जिसमें 30 मिनट से 2 घन्टे तक पेट के बल सोने, 30 मिनट से 2 घन्टे तक बाएं करवट,
30 मिनट से 2 घन्टे तक दाएं करवट एवं 30 मिनट से 2 घन्टे तक दोनों पैर सीधाकर पीठ को किसी जगह
टीकाकार बैठने की सलाह दी गयी है। यद्यपि, मंत्रालय ने प्रत्येक पोजीशन में 30 मिनट से अधिक समय तक
नहीं रहने की भी सलाह दी है।