मेडिकल ऑक्सीजन की आवाजाही पर ना हो कोई प्रतिबंध: PM मोदी
देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर प्रधानमंत्री ने की बैठक
- कोरोना संकट के बीच गृह मंत्रालय ने राज्यों को जारी किए 7 आदेश
नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर खतरनाक होती जा रही है। देश में आज पहली बार एक दिन में 3 लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं। देश में संक्रमण के नए मामलों की यह संख्या सिर्फ 17 दिनों में 1 लाख से 3 लाख को पार कर गई। नए मामलों के साथ एक्टिव केस की संख्या भी करीब 23 लाख हो चुकी है, जिससे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दबाव बन रहा है।
राजधानी दिल्ली और महाराष्ट्र समेत कई राज्य मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि कोविड-19 के गंभीर रोगियों का इलाज कर रहे दिल्ली के उन अस्पतालों को फौरन किसी भी तरीके से ऑक्सीजन मुहैया कराई जाए जो इसकी कमी से जूझ रहे हैं। देश में अब तक 13.2 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑक्सीजन की आपूर्ति और पूरे देश में इसकी उपलब्धता के संबंध में उच्चस्तरीय बैठक की। अधिकारियों ने ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार के लिए उठाए गए कदमों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया; प्रधानमंत्री ने उत्पादन बढ़ाए जाने और वितरण में तेजी लाने पर जोर दिया।
ऑक्सीजन समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए नवोन्मेषी तरीकों का उपयोग करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्यों को सुचारू व अबाधित तरीके से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए; व्यवधान होने के मामलों में स्थानीय प्रशासन के साथ जवाबदेही तय की जाए। इन सब के बीच केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्यों के बीच चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं लगायी जानी चाहिए।
गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि वे परिवहन निगमों को ऑक्सीजन परिवहन में शामिल वाहनों की मुक्त अंतरराज्यीय आवाजाही की इजाजत का आदेश दें। ऑक्सीजन की कमी के गंभीर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लेने के बाद अब गृह मंत्रालय ने इसके संबंध में पत्र जारी किया है। मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित ना हो, इससे जुड़े कुछ आदेश इसमें दिए गए हैं। जैसे मेडिकल ऑक्सीजन को इधर से उधर ट्रांसपोर्ट करने पर लगाए गए प्रतिबंध बाधा पैदा नहीं करेंगे। गृह मंत्रालय ने कुल 7 पाइंट में आदेश जारी किया है, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति होती रहे।
गृह मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले टैंकरों को ना रोका जाए, बिना रोक टोक टैंकर्स को आने-जाने की मंजूरी दी गई है।पहले पाइंट में कहा गया है कि राज्य के अंदर मेडिकल ऑक्सीजन के टैंकर्स को इधर से उधर लेकर जाने पर कोई रोक-टोक ना हो। दूसरे पाइंट में कहा गया है कि ऑक्सीजन उत्पादकों पर किसी तरह की पाबंदी नहीं होनी चाहिए कि वह सिर्फ उसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेशे के हॉस्पिटल के लिए ही ऑक्सीजन बना सकते हैं।
तीसरे पाइंट में लिखा है कि जिस तरह शहरों में टाइमिंग के हिसाब से नाइट कर्फ्यू आदि लगाया गया है। वह ऑक्सीजन लेकर जाने वाले वाहनों पर लागू ना हो। चौथे पाइंट में कहा गया है कि कोई भी प्रशासन किसी ऑक्सीजन लेकर जाने वाले वाहन को किसी विशेष जिले या इलाके के लिए ऑक्सीजन सप्लाई के लिए फिक्स ना करे।
अगले पाइंट में लिखा है कि इंडस्ट्रियल यूज के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई 22 अप्रैल से अगले आदेश तक के लिए वर्जित रहेगी। सिर्फ उन्हीं इंडस्ट्री को छूट रहेगी जिनको सरकार ने दी हुई है।छठे पाइंट में लिखा है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बात का खास ध्यान रखना है कि मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई में कोई बाध्यता ना आए।जिला मैजिस्ट्रेट, डिप्टी कमिश्नर, एसएसपी, एसपी, डीसीपी को ऑर्डर दिया गया है कि ऊपर बताई गई चीजों को लागू करवाने की जिम्मेदारी उन लोगों पर है।