कोरोना की दूसरी लहर का कहर,निजी अस्पताल में नहीं बचे बेड

रुद्रपुर। ऊधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर में कोरोना की दूसरी लहर का कहर
बढ़ता ही जा रहा है। हालत बेकाबू हो चुके हैं। यहाँ तक कि शहर के एकमात्र निजी
कोविड सेंटर व कुमाऊँ  के सबसे बड़े अस्पताल द मेडिसिटी में मरीजों के लिए बेड नहीं
बचे हैं। इसके अतिरिक्त  कोरोना संक्रमण में सबसे अधिक आवश्यक रेमडेसिवीर दवा भी
खत्म हो चुकी है। वहीं राजकीय मेडिकल कालेज में भी दवा खत्म है जबकि वहां बेड
उपलब्ध हैं।
दा मेडिसिटी अस्पताल के प्रबंध निदेशक डा. दीपक छाबड़ा के अनुसार उनके अस्पताल
में शासन द्वारा कोविड मरीजों के लिए 4 बेड का प्रबंध किया गया है। इसी क्रम में
अस्पताल में दस वेंटीलेटर भी तैयार रखे गये थे, लेकिन बीते चार दिनों में एकाएक मरीजों
की संख्या बढ़ने से अस्पताल प्रबंधन भी पशोपेश में है। डा. छाबड़ा ने कहा कि इमरजेंसी
में भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अस्पताल में 40 बेड पर मरीज भर्ती हैं और नए
मरीजों का आना रुक नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि मजबूरन उन्हें अब मरीजों को बाहर
रेफर करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में कोरोना के लिए जरूरी अन्य
जीवन रक्षक दवाइयों की भी कमी हो गयी है। भले ही केंद्र सरकार ने रेमडेसिवीर दवा की
मूल्य कम कर दिए हों लेकिन दवा स्टकिस्ट के पास उपलब्ध ही नहीं है।
उन्होंने बताया कि अस्पताल में दस वेंटीलेटर अपनी पूरी क्षमता पर काम कर रहे हैं,
लेकिन मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उनका यह भी कहना था कि
आसपास के बड़े शहरों के अस्पतालों में भी बेड उपलब्ध न होने के कारण लोग इलाज की
आस में रुद्रपुर जैसे छोटे शहरों का रुख कर रहे हैं।
वहीं राजकीय मेडिकल कालेज की स्थिति भी कुछ अधिक भिन्न नहीं है। यहाँ भी
रेमडेसिवीर दवा बीते दो सप्ताह से खत्म है। जवाहर लाल नेहरू जिला अस्पताल के वरिष्ठ
फिजिशियन डा. गौरव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने सक्रमण का प्रकोप
कई गुना बढ़ा दिया है। उनके अनुसार मेडिकल कालेज में फिलहाल सौ बेड खाली तो पड़े
हैं, लेकिन दवाई के अभाव में प्रबंधन किसी भी तरह का खतरा मोल नहीं लेना चाहता।
हालाँकि उन्होंने कहा कि शीघ्र ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय दवा की आपूॢत सुनिश्चित
करेगा जिससे मरीजों के इलाज में आसानी होगी।

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